पूर्णिया: अमौर के संथाल टोली पहाड़िया गांव में लगभग 500 महादलित परिवार बाढ़ के कारण कई दिनों से टापू में फंसे हुए हैं। वार्ड नंबर 4 में स्थित यह गांव चारों ओर से बाढ़ के पानी से घिर गया है, जिससे लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। स्थानीय निवासी प्रकाश हांसदा ने बताया, “गांव से बाहर जाने का एकमात्र रास्ता, एक कच्ची पगडंडी, छाती तक पानी में डूबी हुई है। हम लोग जान जोखिम में डालकर केले के तने का सहारा लेकर आवागमन करने को मजबूर हैं।” बाढ़ के कारण बच्चों का स्कूल जाना बंद हो गया है। घरों में महिलाएं और बुजुर्ग बीमार पड़े हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए बाहर ले जाना संभव नहीं है।
हेलेना मुर्मू, एक अन्य ग्रामीण ने कहा, “हमने कई बार सीओ से मदद मांगी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सरकार द्वारा राशन भी नहीं दिया गया है। हम किसी तरह जीवन यापन कर रहे हैं।” प्रभावित परिवारों ने जिला प्रशासन और स्थानीय सांसद से तत्काल मदद और आवागमन बहाली की मांग की है। बादल किस्कु, लुखी हांसदा, लुखी राम बास्की और बेरना रेता बास्की सहित कई अन्य ग्रामीण भी इस मांग से जुड़े हैं। यह स्थिति गंभीर मानवीय संकट की ओर इशारा करती है। स्थानीय प्रशासन से तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू करने की अपेक्षा की जा रही है। बाढ़ प्रभावित इस क्षेत्र में खाद्य सामग्री, दवाइयां और आवागमन की सुविधा प्राथमिकता पर बहाल किए जाने की आवश्यकता है।