पूर्णिया : कल 27 जून को पुर्णिया के IMA भवन में आईएमए के नव निर्वाचित अध्यक्ष डॉक्टर सुधांशु कुमार, सचिव डॉक्टर सुभाष कुमार सिंह और कोषाध्यक्ष बिकास कुमार की अध्यक्षता में डॉक्टरों की एक बैठक आयोजित की गई जिसका मुख्य उद्देश्य सोशल मीडिया के माध्यम से सभी डॉक्टरों के बीच फैली हुई भ्रांतियां का खंडन करना था । दरअसल पूर्णिया के वर्तमान सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव जी ने आई एम ए के सदस्यों के साथ एक बैठक आयोजित की थी जिसमें उन्होंने पूर्णिया के सभी डॉक्टरों से अनुरोध किया था की गरीब परिवार के लोगों के लिए या बीपीएल धारी के लिए डॉक्टर साहब अपनी फीस में कुछ रियायत दें और एक बार अगर फीस ले चूके है तो फिर अगली फीस एक माह बाद लें तो गरीब परिवार को बड़ी राहत मिल जायेगी। लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से यह अफवाह फैल गई थी कि पप्पू यादव जी ने डॉक्टरों को आदेश दिया है कि कोई भी डॉक्टर पूर्णिया में 500 से ज्यादा की फीस नहीं ले सकते जिसका खंडन स्वयं वर्तमान सांसद पप्पू यादव जी ने भी किया है और आईएमए के अध्यक्ष सुधांशु कुमार ने भी किया है। कल जो बैठक हुई उसमें ये स्पष्ट किया गया कि सांसद महोदय ने अनुरोध किया है कि आप लोग अपनी स्वेच्छा से गरीबों को इलाज़ में रियायत दें और 300 से 500 तक ही अपनी फीस लें। वहां मौजूद अलग अलग डॉक्टरों के अलग अलग विचार थे लेकीन कुछ डॉक्टर सांसद महोदय के अनुरोध का सम्मान करते हुए इस बात पर सहमत हुए कि गरीबों का ईलाज करने के लिए 300 या 500 रुपया का फीस भी नहीं लेंगे लेकिन गरीबों का एक मानदंड तय होना चाहिए ।
अगर सांसद महोदय अपने कार्यालय से किसी का ईलाज करने के लिए अपने लेटरहेड पर एक अनुशंसा पत्र जारी करते हैं और वो मरीज़ अगर हमारे पास आता है तो उस मरीज़ से हमलोग कोई भी शुल्क नहीं लेंगे। आईएमए के अध्यक्ष डॉ सुधांशु कुमार ने बताया कि माननीय सांसद महोदय को गरीबों की चिंता है और आईएमए का अध्यक्ष होने के नाते मैं उनके इस लोककल्याण की चिंता में उनके साथ हमेशा हूं। मेरा उद्देश्य हमेशा से पहले गरीबों की सेवा करना रहा है और मैं संवैधानिक दायरे में रहकर सांसद महोदय के इस फैसले के साथ हूं। और इसके अलावा उन्होंने पुर्णिया में चल रहे फर्जी जांचघर के बंद होने की बात को भी दुहराया और वैसे डॉक्टरों से जिनके नाम से किसी और जगह पर जांचघर चल रहे हैं और वो स्वयं वहां सेवा नहीं देते उनसे अनुरोध किया है कि 15 दिनों के भीतर उन जांच घर से अपना नाम वह वापस ले लें साथी उन्होंने इस बात पर भी जोड़ दिया कि फर्जी जांच घर को बंद होना ही चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि मैंने भी सांसद महोदय से अपनी मांग रखी है उनसे अनुरोध किया है कि आए दिन डॉक्टर के साथ मरीज के परिजन दुर्व्यवहार करते रहते हैं अस्पताल में जाकर तोड़फोड़ करते हैं तो आप उनसे भी डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें ओर सभी डॉक्टर को भय मुक्त वातावरण प्रदान करें । आईएमए के सचिव डॉक्टर सुभाष कुमार सिंह और कोषाध्यक्ष डॉ विकास कुमार भी इन बातों से सहमत थे कि गरीबों को इलाज में रियायत पूर्व में मिलती थी आगे भी मिलती रहेगी और मिलनी भी चाहिए और अगर सांसद महोदय की अनुशंशा प्राप्त कर कोई भी मरीज़ आता है तो सांसद महोदय के अनुशंशा का सम्मान करते हुए उनसे कोई फीस नहीं ली जाएगी