पूर्णिया: महर्षि मेही जी महाराज ने सदाचार की बात कही थी।सदाचार मतलब झूठ, चोरी, नशा ,हिंसा और व्यविचार इन पांच पापों का त्याग करना चाहिए।जो इन पापों से दूर रहते हैं उन्हें ही जन्म -मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है।सदाचार के रास्ते पर ही सभ्य समाज का निर्माण हो सकता है ।एक ऐसे समाज का निर्माण जहां गंगा-जमुनी तहजीब की धारा भी बहती हो और जहां आपसे में सद्भाव हो।उक्त बातें सांसद संतोष कुशवाहा ने बुधवार को कृषि फार्म गुलाबबाग के मैदान पर पूर्णिया जिला के 66वा वार्षिक सत्संग समारोह को संबोधित करते हुए कही।
श्री कुशवाहा ने कहा मेही जी महाराज ने यह भी कहा था कि ईश्वर की भक्ति और अच्छा आचरण यह दोनों बातें मनुष्य में नही है तो वह पशुवत है।जो भी व्यक्ति सांसारिक सुखों में लीन रहता है वे अपना ही अहित करते हैं।साथ ही उपस्थित सत्संग प्रेमियों से कहा कि इस सत्संग की सार्थकता तब साबित होगी जब हम यहां से लौटकर अपने घर जाएंगे और सत्संग में सुनी हुई बातों को अपने जीवन मे आत्मसात करेंगे।
कहा कि सत्संग का अर्थ ही सत्य के साथ चलना होता है।इससे पहले श्री कुशवाहा ने मुख्य आचार्य चतुरानंद महाराज और उपस्थित तमाम संतों से आशीर्वाद प्राप्त किया।इस मौके पर जेडीयू जिलाध्यक्ष राकेश कुमार,प्रदेश जेडीयू महासचिव अविनाश सिंह,युवा जेडीयू अध्यक्ष राजू मण्डल, राजेश राय,चंदन मजूमदार,राजेश गोश्वामी,लड्डू मेहता, बंटी मेहता, सुशांत कुशवाहा,अंबुज यादव सुनील मेहता सहित सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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