पूर्णिया/रूपौली/अभय कुमार सिंह : प्रखंड क्षेत्र में सड़कों पर मक्का सुखाने से अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है । हरदिन सड़क पर मक्का सुखाने के दौरान दुर्घटनाएं आम बात हो गई हैं । उल्टा मक्का पर वानहों के चढ जाने पर किसान वाहन चालकों से मारपीट करने से भी नहीं चूक रहे हैं । इतना ही नहीं मक्का ठठेरा भी सड़कों के दोनों किनारों पर रखकर सड़क पर चलनेवाले लोगों का जीना दूभर कर दिया है ।
मंगलवार को शिक्षक की कार जिस प्रकार मक्का पर स्लिप की तथा उनकी कार पेड़ से टकराई, उससे घायल दोनों शिक्षक जीवन-मौत से संघर्श कर रहे है । जबकि प्रशासनिक पदाधिकारी इसके प्रति उदासीन बने हुए हैं । प्रखंड की कोई ऐसी सड़क नहीं है, जहां मक्का की फसल नहीं सुखाई जा रही है । इतना ही नहीं एसएच 65 हो या ग्रामीण सड़क , इसके मकई सुखाने के अलावा दोनों ओर मक्का का ठठेरा भी रख दिया गया है, जिससे वाहनों को चलाने में काफी परेशानी हो रही है ।
जबकि हर किसान खेतों में या अपने दरबाजे पर आराम से मक्का की फसल सुखा सकते हैं । इसका उदाहरण जहां सड़कों नहीं हैं या फिर सड़क से काफी दूर खेत है, वहां के किसान आखिर कैसे अपनी फसल सुखा रहे हैं । यह भी बता दें कि टीकापटी थाना में तत्कालीन थानाध्यक्ष राघव षरण थे, तब एक व्यक्ति की मक्का फसल के सड़क पर सुखाने के दौरान दुर्घटना होने की स्थिति में, उन्होंने किसानों से अपील की थी कि जो भी किसान सड़क पर मक्का फसल सूखाएंगे, उनके उपर कार्रवाई की जाएगी ।
इस बात की अपील के साथ ही लगभग पांच सालों तक किसान सड़क पर मक्का फसल सूखाना बंद कर दिये थे, आखिर तब किसान कहां अपनी मक्का सुखा रहे थे । परंतु अब फिर से लगातार किसान सड़क पर ही अपना खलिहान बना लिये हैं । स्थिति यह है कि व्यवसायी वर्ग भी अपना कांटा-पल्ला लेकर सड़क पर ही अपनी दुकान खोल ले रहे हैं, जिससे सड़क पूरी तरह से बाधित हो रही है ।
यहां के लोगों ने किसानों से अपील की है कि वे सड़क पर मक्का की फसल को नहीं सुखाएं, इस सड़क पर उनके भी परिवार के सदस्य दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं । जहां सड़क नहीं है, वहां कैसे फसल तैयार हो रही है । कुल मिलाकर यहां की सड़कों पर वाहन चलाना या इसपर पैदल चलना भी खतरा से खाली नहीं रह गया है । प्रशासन को चाहिए कि इसके लिए वह कारगर कदम उठाए, ताकि दुर्घटना से बचा जा सके ।
वे इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सभी थानाध्यक्षों को खबर कर रहे हैं ।
राजीव कुमार, एसडीओ धमदाहा ।