सत्यार्थी, पूर्णिया (ANG INDIA NEWS) : बिहार के पूर्णिया में दशकों से कलाभवन, कलाकारों व कलाप्रेमियों के लिए समर्पित भाव से अपनी सेवा देने वाले दामोदर काका अब इस दुनिया में नहीं रहे। रविवार को अहले सुबह उन्होंने अंतिम साँसें लीं। कलाभवन नाट्य विभाग के संयोजक विश्वजीत कुमार छोटू ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि दामोदर काका ने कलाभवन और कलाकारों के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। जब भी कलाभवन में कोई भी साहित्यिक, सांस्कृतिक गतिविधि होती तो काका के चेहरे पर आभा की चमक स्पष्ट दिखाई देने लगती। हमेशा मुस्कराहट भरे होठों से ही किसी बात का जवाब देते थे। कहने को तो वे सेवक थे लेकिन कलाकारों के लिए किसी अभिभावक से कम नहीं थे। जब भी कलाकारों में उतश्रृंखलता उन्हें दिखाई देती बेख़ौफ़ होकर डांट पिलाते। कलाकार भी उनकी बातों का बुरा ना मानकर अपने कार्य में लग जाते। कलाभवन के गुरूजी स्व0 वीरेन्द्र घोष जी के बड़े भक्त थे दामोदर काका और गुरूजी के निधन के पश्चात वे तो बिलकुल अकेले पड़ गये थे। उनके नहीं रहने से कलाभवन सूना सूना सा दिखने लगा है। पूर्णिया के साहित्य और कला प्रेमियों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।