पटना: BIHAR POLITICS जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार की महिलाओं की स्थिति पर बात करते हुए कहा कि आज 55-60 साल से ज्यादा उम्र की शायद ही कोई महिला हमें बिहार में दिखी है जो ऊपर से झुकी न हो। आपने इस विषय पर शायद ध्यान नहीं दिया होगा। हमने यही पढ़ाई की है कि महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी और कैल्शियम की कमी इतनी ज्यादा है कि पुरुषों की तुलना में उनका शरीर पहले झुकने लगता है। पांच फीट पांच इंच से लंबी महिला शायद ही आपको गांव में दिखे। हम हाइट पर इतना जोर क्यों दे रहे हैं? ऐसा नहीं है कि जो नाटा है वो कम समझदार है या कम होशियार है। दुनिया भर में जो अध्ययन हुए हैं, वे हाइट और लाइफ टर्म अर्निंग में परस्पर संबंध बताते हैं। यह एक बड़ी समस्या है, लेकिन यहां लोग चार किलो अनाज के लिए ही वोट बेच रहे हैं।
आज यह संकल्प लीजिए कि आधा पेट खाइए लेकिन अपने बच्चों को पढ़ाइए। अपने बच्चों को पढ़ाइए, कोई नेता आपको यह नहीं बताएगा। नेता चाहता है कि आपका बच्चा अनपढ़ रहे ताकि आप चार किलो अनाज की लालच में खिचड़ी, नाली-गली के लिए उसे वोट देकर राजा बनाते रहें। गरीबी से निकलने का एक ही रास्ता है – अपने बच्चों को पढ़ाइए। अगर आप बहुत गरीब हैं और चार बच्चे हैं, सभी को नहीं पढ़ा सकते तो एक को पढ़ाइए। एक भी अगर पढ़ गया तो वह पूरे परिवार को ऊपर खींच लेगा। नहीं तो जीवन भर चार किलो अनाज के लिए हाथ फैलाना पड़ेगा। इस संकल्प को लेकर चलिए और घबराइए नहीं, अगले साल हम ऐसी व्यवस्था करेंगे कि आपके बच्चों को पढ़ाई और रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
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