सुपौल/प्रतिनिधि: BIHAR बिहार में स्मार्ट मीटर लगाने की परियोजना नए विवाद में फंस गई है। सहरसा में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में युवा नेताओं और आरटीआई कार्यकर्ताओं ने कुछ चौंकाने वाले दावे किए हैं। राष्ट्रीय आंदोलन ‘युवा हल्ला बोल’ के पदाधिकारियों ने बताया कि राज्य के ऊर्जा मंत्री ने अपने निजी आवास पर स्मार्ट मीटर नहीं लगवाया है। यह खुलासा तब किया गया जब पूरे राज्य में स्मार्ट मीटर लगाने का अभियान जोरों पर है।
युवा नेता प्रशांत कमल ने कहा कि मंत्री न तो अपने सुपौल स्थित आवास पर और न ही पटना के सरकारी आवास पर स्मार्ट मीटर लगवाया है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर स्मार्ट मीटर में कोई समस्या नहीं है, तो मंत्री इसे अपने घर पर क्यों नहीं लगवा रहे हैं। इसके अलावा, आरटीआई कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंह ने दावा किया कि ऊर्जा मंत्री पर 6 लाख 82 हजार रुपये का बिजली बिल बकाया है। उन्होंने पूछा कि जब आम लोगों का थोड़ा सा भी बिल बकाया होता है तो उनकी बिजली काट दी जाती है, लेकिन मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद नेताओं ने मांग की है कि जब तक मंत्री अपने घर पर स्मार्ट मीटर नहीं लगवाते, तब तक आम लोगों के लिए इसे लगाना बंद किया जाए। साथ ही, उन्होंने हर जिले में स्मार्ट मीटर की जांच के लिए स्वतंत्र लैब खोलने की भी मांग की है। यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब राज्य भर से स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली बिल बढ़ने की शिकायतें आ रही हैं। ऊर्जा विभाग से इस मामले पर स्पष्टीकरण की मांग की जा रही है।