पटना: BIHAR SPECIAL STATUS बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा एक बार फिर राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गया है। केंद्र सरकार द्वारा इस मांग को खारिज किए जाने के बाद, जनता दल (युनाइटेड) इसे एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दे के रूप में उठा रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय से इस मांग को लेकर आवाज उठाते रहे हैं। उन्होंने इस मुद्दे को न केवल राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया है, बल्कि इसे अपनी राजनीतिक रणनीति का एक अहम हिस्सा भी बनाया है। विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार ने इस मुद्दे को बड़ी कुशलता से राजनीतिक एजेंडे में शामिल किया है। हर महत्वपूर्ण अवसर पर, चाहे वह चुनाव हो या केंद्र के साथ वार्ता, विशेष राज्य का दर्जा जदयू की मांगों में प्रमुखता से शामिल रहा है।
हालांकि, केंद्र सरकार का ताजा फैसला जदयू के लिए एक झटका माना जा रहा है। मोदी सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से स्पष्ट इनकार कर दिया है। इस फैसले के बाद, राज्य की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावना है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा बिहार की राजनीति में और भी अधिक गरमा सकता है। जदयू इसे अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश करेगी, जबकि विपक्षी दल इसे सरकार की विफलता के रूप में प्रचारित करने का प्रयास करेंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में यह मुद्दा किस तरह से राज्य और राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित करता है।