पूर्णिया: भारतीय जनता पार्टी के जिला प्रवक्ता एवं अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक ने सर्वोच्च न्यायालय के हालिया फैसले का स्वागत किया है। यह फैसला सभी धर्मों की तलाकशुदा महिलाओं को भरण-पोषण या गुजारा भत्ता पाने का अधिकार देता है। श्री दीपक ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ऐतिहासिक है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि उपासना पद्धति या धर्म, महिलाओं के इस अधिकार में किसी प्रकार से बाधक नहीं है।” उन्होंने 1985 के शाहबानो केस का भी उल्लेख किया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने इसी प्रकार का निर्णय दिया था। श्री दीपक ने कहा, “उस समय कट्टरपंथियों के विरोध के कारण राजीव गांधी की कांग्रेस सरकार ने संविधान में संशोधन करके तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया था।”
भाजपा नेता ने जोर देकर कहा कि देश की जनता को सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करना चाहिए। उनका मानना है कि यह निर्णय महिलाओं के अधिकारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह फैसला विभिन्न धर्मों की तलाकशुदा महिलाओं के लिए समान अधिकारों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसके व्यापक सामाजिक और कानूनी प्रभाव होने की संभावना है।