नई दिल्ली, बिहार: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट-यूजी) 2023 के पेपर लीक विवाद पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल किया है। सरकार ने परीक्षा रद्द करने से इनकार करते हुए कहा है कि ऐसा करना लाखों छात्रों के साथ अन्याय होगा। हलफनामे में सरकार ने कहा, “जब तक यह सिद्ध न हो कि पूरे देश में पेपर लीक हुआ है, तब तक पूरी परीक्षा को रद्द करना उचित नहीं होगा।” सरकार ने यह भी बताया कि सीबीआई मामले की जांच कर रही है और कई राज्यों में पेपर लीक की शिकायतों की छानबीन चल रही है। शिक्षा मंत्रालय ने एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) को बेहतर बनाने के लिए पूर्व इसरो चेयरमैन डॉ. के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। यह समिति दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
गौरतलब है कि 5 मई को आयोजित नीट-यूजी परीक्षा में लगभग 25 लाख छात्र शामिल हुए थे। 4 जून को घोषित परिणाम में 67 छात्रों के पूर्ण अंक प्राप्त करने से विवाद खड़ा हुआ था। सुप्रीम कोर्ट 8 जुलाई को इस मामले पर सुनवाई करेगा। सीबीआई ने अब तक छह प्राथमिकी दर्ज की हैं और एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है। सरकार के इस रुख से स्पष्ट है कि वह परीक्षा रद्द करने के बजाय जांच और परीक्षा प्रणाली में सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रही है। अब देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या निर्णय लेता है।