पूर्णिया: भारत सरकार के विधि आयोग द्वारा दिया गया प्रस्ताव की सरकारी कर्मचारी व पदाधिकारी अगर सही काम के लिए रिश्वत लेते हैं तो वह अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा की कड़े शब्दों में कांग्रेस पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष रंजन सिंह, महासचिव गौतम वर्मा, उपाध्यक्ष कार्य नंदकुमार, मोहम्मद अलीमुद्दीन, आ श नारायण चौधरी, एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष मोहम्मद असरार हाशमी, आदि ने निंदा करते हुए कहा की भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के नाम पर सत्ता में आई केंद्र सरकार के विधि आयोग का उपरोक्त प्रस्ताव पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला है।
भारत सरकार को अभिलंब विधि आयोग के वैसे पदाधिकारी जिन्होंने इस घृणित प्रस्ताव को भेजने का काम किया है। तुरंत बर्खास्त करना चाहिए और इस तरह के प्रस्ताव भेजने के लिए उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए। एक और भारत सरकार भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने की झूठी घोषणा कर रही है। वहीं दूसरी ओर प्रस्ताव भिजवा कर इसे कानून बनाना चाहती है ताकि जीरो टोलरेंस किं धज्जियां उड़ाई जा सके और रिश्वत एक अधिकार के रूप में स्थापित हो सके। इस दिशा में काम किया जा रहा है। विधि आयोग का यह प्रस्ताव सरकार के नीति नियत और नेता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।