पूर्णिया: राजस्थान सरकार के द्वारा अधिवक्ता संरक्षण कानून विधेयक 2023 को पारित किए जाने पर कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष रंजन सिंह, महासचिव गौतम वर्मा, उपाध्यक्ष क्रमशः आश नारायण चौधरी, मोहम्मद अलीमुद्दीन, कार्यानंद कुमार, वरिष्ठ नेता इंजीनियर संजीव शर्मा, एनएसयूआई के अध्यक्ष असरार हाशमी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बधाई दिया है और कहा कि भारत का पहला राज्य है, जहां अधिवक्ताओं के मान सम्मान का ख्याल कर कानून को पारित किया गया है। इसमें सबसे बड़ी खासियत यह है की वकीलों पर हमले की जांच डिप्टी एसपी रैंक के पदाधिकारी करेंगे और 7 दिनों के अंदर इसकी जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
इसमें आरोपी को 2 साल कैद और 25000 जुर्माने का प्रावधान है। अगर आत्मघाती हमला होता है, तो 7 साल का कैद की सजा दी जा सकती है। इस कानून में अपराधी अगर अधिवक्ता की संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो न्यायालय की ओर से निर्धारित क्षतिपूर्ति राशि वसूल कर पीड़ित अधिवक्ता को दी जाएगी। इस विधेयक के पारित होने से अधिवक्ताओं की हिंसा के विरुद्ध संरक्षण मिलेगा। नेताओं ने इसे एक क्रांतिकारी कदम बताया है और कहा है की राजस्थान सरकार की तरह प्रदेश की सरकार भी अधिवक्ता संरक्षण विधेयक को लाकर अधिवक्ता के हित में कार्य करें।