पूर्णिया: भारत सरकार के सिविल विमानन मंत्रालय द्वारा तैयार मास्टर प्लान के मुताबिक प्रस्तावित भूमि एवं दिशा पर बिहार सरकार, एएआई एवं भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुई बैठक में पुर्णिया सैन्य हवाई अड्डा से संयुक्त परिचालन हेतु सिविल एंक्लेव के निर्माण के लिए रनवे के उत्तरी भाग में 50 एकड़ भूमि प्रदान करने पर सहमति बनी थी, लेकिन राजनीतिक तिगरम के कारण पुर्णिया के बजाय दरभंगा में एयरपोर्ट निर्माण पर मोहर लग गया, जबकि पुर्णिया एयरपोर्ट 2015 में भारत सरकार द्वारा स्वीकृत था तब दरभंगा एयरपोर्ट चर्चा में कहीं नहीं था। विदित हो कि उक्त वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बनी सहमति के विरुद्ध जिला पदाधिकारी पुर्णिया द्वारा दिनांक 08.02.2018 को आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षात्मक बैठक में सैन्य हवाई अड्डा के दक्षिण में बमडम से 900 मीटर पश्चिम 50 एकड़ भूमि सिविल एंक्लेव हेतु एवं 2.18 एकड़ भूमि सम्पर्क सड़क हेतु,इस प्रकार कुल मिलाकर 52.18 एकड़ भूमि चिह्नित किया गया। तत्पश्चात माननीय उच्च न्यायालय में पारित आदेश के अनुपालन में जिला पदाधिकारी पुर्णिया द्वारा आनन फानन में उक्त चिह्नित 52.18 एकड़ भूमि अधिग्रहण कर बिहार सरकार को सौंपा गया, जिसे स्वीकार करने के लिए एएआई से अनुरोध किया, लेकिन अभी तक इस अधिग्रहित भूमि को एएआई द्वारा स्वीकार नहीं किया गया है ,जो पूर्णतः चिंता एवं चिंतन का बिषय है।
बिहार सरकार द्वारा 52.18 एकड़ अधिग्रहण की गई भूमि एएआई द्वारा प्रस्तावित भूमि नहीं रहने के बावजूद भी राज्य सरकार के अनुरोध पर एएआई द्वारा बनाई गई संशोधित योजना के मुताबिक 15 एकड़ अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता है, जिसे राज्य सरकार को पूरा करना है। राज्य सरकार स्तर से 15 एकड़ अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण करने की दिशा में अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसी मांग को लेकर दिनांक -02.04.2023 को पुर्णिया में आयोजित धरना के माध्यम से माननीय को एक ज्ञापन सौंपा गया है, जिसपर सीमांचल एवं कोशी के करोड़ों लोगों के श्रेष्ठ हितों में सहानुभूति पूर्वक विचार करने की जरूरत है। सीमांचल और कोशी के श्रेष्ठ हितों में दलगत राजनीति से उपर उठकर एएआई के मुताबिक 15 एकड़ अतिरिक्त भूमि अविलंब अधिग्रहण किया जाय , ताकि जल्द से जल्द Hand over & Take over की प्रक्रिया प़ूरा होकर पुर्णिया एयरपोर्ट का निर्माण कार्य प्रारंभ हो सके। साथ ही यह भी सूचित करना आवश्यक है कि जब तक 15 एकड़ अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण की मांग पूरी नहीं हो जाती है तब तक पुर्णिया के विशिष्ट एवं महत्वपूर्ण नागरिकों के अगुआई में हर रविवार को अनिश्चितकालीन धरना/ प्रदर्शन होता रहेगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी बिहार सरकार की होगी।