सहरसा, अजय कुमार: प्रखंड स्तरीय एक दिवसीय कृषण प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एवं पोषण सुरक्षा पाट अंतर्गत सोमवार के दिन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन जिला कृषि पदाधिकारी ज्ञान चंद्र शर्मा द्वारा ई किसान भवन सोनबरसा में किया गया। जिसमें परामर्श डॉ मनोज सिंह कृषि समन्वयक अजय कुमार,रंंजू कुमारी,किसान सलाहकार एवं किसानों ने भाग लिया। सर्वप्रथम जिला के पदाधिकारी द्वारा उत्पादन की उन्नत तकनीक के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।उन्होंने बताया कि धान गेहूं की खेती के साथ जूट की खेती पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।पटसन की उच्च पैदावार हेतु उच्च प्रभेद का चुनाव बीज उपचार व समय अनुसार बुआई अति आवश्यक है। पटसन प्रभेेद जे आर ओ 2407 एवं जेआरओ 204 इस क्षेत्र के लिए अनुकूल है। वही दोनों प्रभेेद की उच्च पैदावार विपरीत परिस्थिति जैसे अल्प वृष्टि की स्थिति के अनुकूल रोगों एवं कीटाणुओं से प्रतिरोधक क्षमता मार्च के दूसरे सप्ताह में बुवाई का सर्वोत्तम समय बताया गया।सहरसा जिला अंतर्गत सादा पाट का लक्ष्य 100 हेक्टेयर तोषा पाट का लक्ष्य ₹3000 एवं मेस्ता पाट का लक्ष्य 500 हेक्टेयर के आलोक में किसानों द्वारा कुल 255 हेक्टेयर में खेती की गई है।
वही वाणिज्यिक फसल जूट में अंतर्वर्ती प्रत्यक्षण का लक्ष्य 240 एकड़ के विरुद्ध 240 किसानों को 3200 रुपए प्रति किसान प्रति एकड़ उपलब्ध कराया गया है।वहीं क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान अगवानपुर के वैज्ञानिक डॉ देवन चौधरी के द्वारा बीज बीजोपचार बुवाई एवं कटाई के बारे में तकनीकी जानकारी दी गई। वही परामर्शी डॉ मनोज सिंह जिला कृषि कार्यालय द्वारा मिट्टी को कैसे स्वस्थ रखा जाए इसके बारे में विस्तृत जानकारी भी दी गई।उर्वरक का प्रयोग मिट्टी में उपस्थित पोषक तत्व के निर्धारण के बाद किया जाना चाहिए और उर्वरक की दक्षता बढ़ाने के लिए नाइट्रोजन का प्रयोग टुकड़ों टुकड़ों में करना चाहिए। मेहताब राशि पौधा रोग में वैज्ञानिक द्वारा पाठ में लगाने वाले रोगों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।कार्यक्रम के अंत मे कृषि समन्वयक अजय कुमार द्वारा प्रशिक्षण मे भाग लेने वाले सभी किसानो एवं पदाधिकारियो को धन्यवाद ज्ञापन किया।
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