सहरसा, अजय कुमार: रमेश झा महिला महाविद्यालय में शनिवार को शैक्षणिक उन्नयन एवं आधारभूत संरचना का विकास केंद्रित कार्यक्रम आयोजित की गई। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीएनएमयू के कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर आर के पी रमन ने महाविद्यालय के नवनिर्मित गृह विज्ञान एवं संगीत विभाग के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। तत्पश्चात कुलपति ने बीसीए लैब विज्ञान विषयों के प्रयोगशालाओं के उन्नयन कार्य, नवनिर्मित वर्ग कक्ष का शिलान्यास एवं महिला छात्रावास तथा केंद्रीय पुस्तकालय के जीर्णोद्धार का शिलान्यास किया गया।वही प्रोफ़ेसर के एम ठाकुर के संचालन में आयोजित इस कार्यक्रम में कुलपति महोदय के सम्मान में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ राजीव सिन्हा ने शॉल एवं पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। इस अवसर पर संगीत विभागाध्यक्ष डॉ आरती ने उप शास्त्रीय संगीत एवं स्वागत गान गायन प्रस्तुत किया। वही कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय गान गीत गाकर कार्यक्रम का समापन किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि कुलपति डॉ के पी रमन, टीपी कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉक्टर बीणा,पूर्व प्राचार्य डॉक्टर सूर्यमणि कुमार, डॉक्टर प्रतीक्षा राज एवं डॉ आरती ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। वही स्वागत भाषण देते हुए प्राचार्य श्री सिन्हा ने कहा कि रमेश झा महिला महाविद्यालय उत्तरोत्तर विकास कर रहा है।अध्ययन कक्ष की कमियों को दूर किया जा रहा है। विज्ञान की प्रयोगशालाओं को सुसज्जित किया जा रहा है। बीसीए एवं बीएड की पढ़ाई में भी कई स्तरों पर सुधार लाए गए हैं।वही महाविद्यालय के विकास कार्यों में माननीय कुलपति की सहयोग की प्राचार्य ने भूरी भूरी प्रशंसा की।संगीत विभागाध्यक्ष डॉ आरती द्वारा लिखित पुस्तक कोकिला शारदा सिन्हा के गीतों का सांगीतिक अध्ययन का विमोचन भी किया गया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति श्री रमन ने कहा कि बीएनएमयू में कुल 4 नैैक मान्यता प्राप्त संस्थान हैं।
जिसमें यह महिला महाविद्यालय भी है। कुलपति ने सबसे पहले कॉलेज संस्थापक पंडित रमेश झां। की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके प्रति कृतज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि पंडित झा बहुत ही दूरदर्शी व्यक्तित्व के स्वामी थे। जिन्होंने वर्षो पूर्व महिला सशक्ति करण के लिए स्कूल एवं कॉलेज की स्थापना की।जो सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। जिसके कारण बीएनएमयू का यह एकमात्र महिला विद्यालय है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पहले 9 विषय की पढ़ाई होती थी। वही अब 27 विषय की पढ़ाई हो रही है।महिला कॉलेज की प्रगति को देखते हुए कुलपति ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि कि हमें सीमित संसाधन में काम करना है। जो भी संसाधन है।उसी में बेहतर ढंग से इस महाविद्यालय में 1 साल के अंदर सभी कार्य संपन्न हुआ है।उन्होंने कहा कि विद्यार्थी किसी भी प्रकार सफर ना करें। यही प्रयास रखना है। यह महाविद्यालय विकास की ओर अग्रसर है।बच्चे क्लास में आए इसका लाभ उठाएं। कार्यक्रम के अंत में धनबाद ज्ञापन डॉक्टर प्रत्यक्षा राज ने की। इस मौके पर प्रोफेसर अभय कुमार, डॉ वरुण कुमार, डॉ नरेश प्रसाद सिंह, डॉ रेनू, डॉक्टर ज्योति राना, डॉक्टर संजीव,डॉक्टर अनिल कुमार, डॉक्टर संगीता सिंह, डॉक्टर शालिनी, डॉ प्रियंका, डॉ अनिता कुमारी ,डॉ कुमार गौरव एवंं डॉ मनोज कुमार, डॉक्टर स्तुति राय, डॉक्टर चांदनी कुमारी, डॉक्टर सुजाता कुमारी, डॉ रूपम कुमारी, डॉक्टर नीलेंद्र पांडे सहित अन्य मौजूद थे।
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