पूर्णियाँ, वि० सं० अरुण कुमार सिंह: पूर्णिया के जाने-माने वयोवृद्ध अधिवक्ता स्व० अशोक कुमार घोष को दी गई भाव-भीनी श्रद्धांजलि। उनका निधन 03 अप्रैल 2023 की संध्या 82 वर्ष की अवस्था में निज आवास पर हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। परंपरा के अनुसार 05 अप्रैल 2023 को उनके प्रति शोक-संवेदना व्यक्त करते हुए अधिवक्ता संघ के तमाम अधिवक्ताओं ने अपने-आप को न्यायिक कार्यों से अलग रखा। संघ के अध्यक्ष अवधेश कुमार तिवारी की अध्यक्षता में दिन के 01.30 बजे संघ के प्रशाल में एक शोक-सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर संघ के महासचिव कन्हैया सिंह एवं अन्य अधिवक्ता उपस्थित थे। अध्यक्ष अवधेश कुमार तिवारी ने जानकारी देते हुए कहा कि वे वर्ष 1966 में विधि व्यवसाय से जुड़े थे और तब से हमारे संघ के सक्रिय सदस्य रहे। वे बी०एम०टी०लॉ कॉलेज पुर्निया की संस्थापक सदस्य एवम व्याख्याता थे। स्वर्गीय घोष के बारे में जानकारी देते हुए संघ के सचिव कन्हैया सिंह, वरीय अधिवक्ता मुकुंदो दास एवम दिलीप कुमार दीपक ने कहा कि वे काफी मिलनसार थे। कभी भी वे गुस्सा नहीं करते थे और विवादों से हमेशा दूर रहते थे। साथ ही वे काफी हंसमुख और प्रसन्नचित व्यक्ति थे।
वे भारतीय संविधान के अच्छे जानकार थे। उनका पारिवारिक पृष्ठभूमि भी विधि व्यवसाय का रहा है। उनके पिता ईशान चन्द्र घोष भी पूर्णिया के जाने-माने अधिवक्ता थे। उनका जाना अधिवक्ता संघ और इस क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति है। वे अपने पीछे विधवा पत्नी दीपिका घोष, एक पुत्र एवम दो पुत्री को छोड़ गाए। उनका पुत्र पल्लव कुमार घोष डब्ल्यू० एच० ओ० के मिजोरम शाखा में कार्यरत है। दोनों पुत्रियां शादी-शुदा हैं और अपने पति के साथ खुशहाल जिंदगी व्यतीत कर रही हैं। दोनों के पति प्रतिष्ठित पद पर कार्यरत हैं। स्वर्गीय घोष अपने पीछे भरा-पूरा एवं सुखी संपन्न परिवार छोड़ गए हैं। उधर संध्या 04.00 बजे जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायिक कक्ष में भी एक संयुक्त शोक-सभा का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में न्यायिक पदाधिकारी और अधिवक्ता शामिल हुए तथा 2 मिनट का मौन रखकर स्व० घोष के आत्मा की शांति हेतु श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस मौके पर स्वर्गीय घोष की दोनों पुत्रियां चुमकी दास एवं अर्पिता राय भी उपस्थित थीं।