पूर्णिया : पुराने पूर्णिया जिले के जीवित किंवदंती रहे स्व भोलानाथ आलोक की दूसरी पुण्यतिथि समारोह पूर्वक मनाई गई। एक साहित्यकार, समाजसेवी, पत्रकार सहित अनेक सामाजिक आन्दोलन के कार्यकर्ता और नेतृत्वकर्ता के रूप में अपनी खास पहचान बना चुके स्व भोलानाथ आलोक जी किसी परिचय के मोहताज नहीं रहे, अपनी खनकती आवाज और ठसक के संग जीने के आदी रहे भोलानाथ आलोक गरीबों के दुख दर्द को सिद्दत से महसूस किया एवं विभिन्न मंचों पर उनकी बेहतरी के लिए आवाज उठाते रहे “यह वक्तव्य है जगजीवन कॉलेज गया से सेवानिवृत्त प्राध्यापक प्रो देवनारायण पासवान देव जी का। वे आज कविता परिसर में आयोजित भोलानाथ आलोक की दूसरी पुण्यतिथि के मौके पर बोल रहे थे। विषय प्रवेश कराते हुए बुजुर्ग समाज के संगठन सचिव डॉ के के चौधरी ने कहा कि आलोक जी शुरूआती दौर में भटोतर हाई स्कूल में शिक्षक रहे थे बाद में वे तात्कालिक पूर्णिया जिले के सिकटी प्रखण्ड में क्लर्क तथा बाद में समाहरणालय पूर्णिया में कार्यरत रहे थे, सरकारी सेवा से त्यागपत्र देकर उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा था और कामयाबी नहीं मिल सकी थी पर सामाजिक सेवाकार्य उन्होंने कभी नहीं छोड़ा। वे विभिन्न श्रम संगठनों को मार्गदर्शन प्रदान करते रहे।
मुख्य अतिथि के रूप में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पूर्णिया सदर के विधायक विजय खेमका ने कहा कि वे जनहित के लिए आजीवन लड़ते रहे, पूर्णिया में होने वाले सभी कला साहित्य सांस्कृतिक एवं जनोपयोगी सामाजिक आन्दोलनों में नेतृत्व कर्ता के रूप में आलोक जी बहुत याद आएंगे। वे बुजुर्गों की आवाज थे और युवाओं के प्रेरणास्रोत। उनके द्वारा शुरू किये गए ‘श्रवण कुमार’ सम्मान मील का पत्थर साबित होगा। ऐसे सदाबहार बुजुर्ग आलोक जी को श्री खेमका जी ने अपनी ओर से शब्दांजलि अर्पित की। यश:शेष भोलानाथ आलोक के जीवन काल में ही प्रकाशित पुस्तकें यथा : आइने में आलोक, इन्द्रधनुषी रंगों में आलोक, एक हँसी ऐसी भी, आलोक की कविताएँ और कविताओं में आलोक जो विभिन्न कवि/कथाकारों द्वारा लिखी गईं हैं, पर विपद् रूप से वक्ताओं ने प्रकाश डाला। इस अवसर पर शब्दांजलि श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में मुख्य रूप से हैं:डॉ प्रो शिव मुनि यादव, डॉ रामनरेश भक्त, विजय नन्दन प्रसाद, डॉ सुवंश ठाकुर अकेला, अनन्त लाल यादव, गोविन्द प्रसाद दास, गिरिजा नन्द मिश्र, शिवलाल पासवान, अतुल मल्लिक अनजान, विनीता कुमारी हैं। धन्यवाद ज्ञापन बुजुर्ग समाज के अध्यक्ष नित्यानंद कुमार तथा कार्यक्रम संयोजन संचालन राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त संजय कुमार सिंह ने किया। पंकज कुमार सिंह चुन्नू, शिवशंकर सिंह, एस के रोहितस्व पप्पू, मनोरंजन कुमार तथा वरीय उपाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह तथा उनके सभी परिवार जनों के सहयोग और प्रयासों की प्रशंसा की गई।
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