दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार सुबह आगामी केंद्रीय बजट 2024-25 पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री शामिल हुए। यह बैठक मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट की तैयारियों का एक अहम हिस्सा है। बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, वित्त सचिव, आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव, वित्तीय सेवाओं के सचिव, कॉर्पोरेट मामलों के सचिव, और मुख्य आर्थिक सलाहकार भी उपस्थित थे। यह व्यापक प्रतिनिधित्व बजट निर्माण प्रक्रिया में विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श को सुनिश्चित करता है।
सीतारमण ने 19 जून से बजट पूर्व परामर्श की एक श्रृंखला शुरू की थी। इस दौरान उन्होंने प्रमुख अर्थशास्त्रियों, वित्त और पूंजी बाजार विशेषज्ञों, तथा विभिन्न उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इन बैठकों का उद्देश्य अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों से सुझाव और प्रतिक्रियाएं प्राप्त करना था। इसी दिन, सीतारमण 53वीं वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक की भी अध्यक्षता करेंगी। यह बैठक नई सरकार के गठन के बाद पहली बार हो रही है और इसमें कर दरों, नीतियों में संशोधन और प्रशासनिक चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी। जीएसटी परिषद भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह ध्यान देने योग्य है कि जीएसटी 1 जुलाई, 2017 को लागू किया गया था। इसके तहत राज्यों को पांच साल तक जीएसटी कार्यान्वयन से होने वाले राजस्व नुकसान के लिए मुआवजे का प्रावधान था।