पूर्णिया : वर्ष 2020 के अगस्त महीने में, अररिया जिले के रानीगंज से बनमनखी लौट रहे जदयू पार्टी के पंचायत अध्यक्ष सुशील सिन्हा की कुछ दूरी पर ही अपराधियों ने रोक लिया और बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस घटना पर मृतक के बेटे रिंकु कुमार सिन्हा ने बनमनखी थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई और पूर्व मुखिया गिरेंद्र मण्डल को मुख्य आरोपी बनाते हुए कुल 17 लोगों के नाम लिए। इस मामले ने पूर्णियां सहित आसपास के इलाकों में काफी सुर्खियां बटोरीं। पुलिस जांच में पूर्व मुखिया की भूमिका की पुष्टि हुई। बनमनखी पुलिस ने तत्काल 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। पूर्व पुलिस अधीक्षक विशाल शर्मा की जांच में सभी 17 आरोपियों को दोषी पाया गया और उनकी गिरफ्तारी के आदेश जारी किए गए। लेकिन इसी बीच पुलिस उप महानिरीक्षक ने 12 आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया और केवल 5 अभियुक्तों के विरुद्ध चार्जशीट अदालत में पेश की गई।
अदालत में पेश साक्ष्य और गवाहों के आधार पर 22 फरवरी 2023 को गिरेंद्र मण्डल, रिंकु मण्डल, राजा मण्डल आदि सहित 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इनमें से 9 आरोपियों ने पटना उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत ले ली, लेकिन मुख्य आरोपी गिरेंद्र मण्डल, देवन मण्डल और सत्येंद्र मण्डल की जमानत याचिका खारिज कर दी गई। अदालत ने 16 अक्टूबर 2023 को इन तीनों की गिरफ्तारी का आदेश पुलिस अधीक्षक पूर्णियां को दिया। लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर 4 मई 2024 को अदालत ने सीआरपीसी की धारा 82 के तहत उनकी संपत्ति कुर्क करने का आदेश बनमनखी पुलिस को दिया। फिर भी पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है, जिससे कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लग रहा है। मृतक के बेटे रिंकु कुमार सिन्हा का कहना है कि अपराधियों ने उनके पिता की बेरहमी से हत्या की थी। वह उस खौफनाक मंजर को याद कर आज भी कांप उठते हैं। घटना को चार साल बीत चुके हैं, अदालत ने गिरेंद्र मण्डल समेत सभी हत्यारों की गिरफ्तारी और संपत्ति कुर्की का आदेश दिया है, लेकिन पुलिस की गिरेंद्र मण्डल से मिलीभगत के कारण कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है। अपराधी उन्हें और उनके परिवार को बार-बार जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। वे न्याय की गुहार लगा रहे हैं।