दिल्ली : भारतीय लोकतंत्र के नए अध्याय का आगाज हुआ है। 18वीं लोकसभा का पहला सत्र आरंभ हो गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद के रूप में शपथ ली। यह उनकी दो सप्ताह के भीतर दूसरी महत्वपूर्ण शपथ है – पहले प्रधानमंत्री और अब सांसद के रूप में। सत्र की शुरुआत राष्ट्रगान और पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि से हुई। मोदी जी ने इस अवसर पर राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि लगातार तीसरी बार मिला जनादेश उनकी नीतियों और इरादों पर मुहर है। उन्होंने सर्वसम्मति से देश को आगे ले जाने और तीसरे कार्यकाल में तीन गुना अधिक काम करने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री ने एक मजबूत और रचनात्मक विपक्ष की आवश्यकता पर जोर दिया, साथ ही संसद में व्यर्थ के नाटक से बचने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार चलाने के लिए बहुमत जरूरी है, लेकिन देश चलाने के लिए आम सहमति आवश्यक है। सत्र के दौरान कुछ मंत्रियों की शपथ पर विपक्ष ने विरोध दर्ज कराया, विशेषकर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के नाम पर NEET से जुड़े मुद्दों को लेकर। यह सत्र दो दिन चलेगा, जिसमें नए सांसद शपथ लेंगे। इससे पहले, भाजपा सांसद भर्तुहरि महताब को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाई, जिसमें संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू भी उपस्थित थे।
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