पूर्णिया : पूर्णिया जिला प्रशासन ने भूमि सुधारों के क्षेत्र में एक बेहद महत्वपूर्ण और नवीन पहल की है। इस पहल का उद्देश्य नगर क्षेत्रों में भूमि संबंधी लेनदेन से जुड़ी जटिलताओं और समस्याओं को दूर करना है, जिनसे आमजनता बरसों से जूझ रही है।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, वर्ष 1987-89 के दौरान नगरपालिका क्षेत्रों में किए गए सर्वेक्षण के बाद प्रकाशित खतियानों में लगभग 90 प्रतिशत मामलों में भूमि पर लगने वाले लगान की दरों का उल्लेख नहीं किया गया था। इस कमी के कारण नामांतरण, दाखिल-खारिज जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं अटकी रहती थीं। साथ ही लोगों को ऋण लेने, मकान बनवाने या व्यवसाय शुरू करने में भी बड़ी बाधाएं आती थीं।
इन समस्याओं के समाधान के लिए जिला प्रशासन ने संबंधित विभाग से विस्तृत दिशा-निर्देश लिए। तदनुसार युद्धस्तर पर 20 डेटा एंट्री ऑपरेटरों की एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम ने पूरे नगर क्षेत्र के 21 वार्डों, 23 खंडों और 11,070 खातों का डिजिटलीकरण किया। वर्तमान में इस डेटा का सत्यापन चल रहा है।
एक सप्ताह के भीतर इस प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में लगान दरों का निर्धारण शुरू हो जाएगा। अधिकारियों के अनुसार लगभग 4 महीनों में पूरे नगर क्षेत्र के लिए खतियानों के आधार पर लगान निर्धारण का काम पूरा हो जाएगा। इससे भूमि संबंधी लेनदेन की जटिल प्रक्रियाएं सरल हो जाएंगी।
इसके अलावा, जिले की कुल 24,166 एकड़ सरकारी भूमि का भी ऑनलाइन डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। इससे भविष्य में किसी भी विकास परियोजना के लिए आवश्यक भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी।
जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने कहा कि यह पहल आमजनों की दशकों पुरानी समस्याओं को दूर करेगी। उन्होंने कहा कि अब भूमि संबंधी मामलों में लोगों को और परेशान नहीं होना पड़ेगा। साथ ही भूमि सुधारों को सुव्यवस्थित करने में भी यह कदम मील का पत्थर साबित होगा।