नई दिल्ली: One Nation, One Election Bill केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव के तहत लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। सरकार इस संबंध में शीतकालीन सत्र में संसद में विधेयक पेश करने की योजना बना रही है। इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता होगी। इसके लिए न केवल संसद के दोनों सदनों से बिल पास कराना होगा, बल्कि कम से कम 15 राज्यों की विधानसभाओं से भी इसे पारित कराना होगा। इसके बाद ही राष्ट्रपति इस पर हस्ताक्षर कर सकेंगे। हालांकि, इस प्रस्ताव को लागू करने में कई चुनौतियां हैं।
लोकसभा में बिल पास कराने के लिए सरकार को दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी, जो वर्तमान में एनडीए गठबंधन के पास नहीं है। सरकार को अन्य दलों का समर्थन जुटाना होगा। कोविंद समिति की सिफारिशों पर 62 में से 47 राजनीतिक दलों ने अपनी राय दी, जिनमें से 32 ने समर्थन किया और 15 ने विरोध जताया। विरोध करने वाले दलों में कांग्रेस, सपा और आप जैसी प्रमुख विपक्षी पार्टियां शामिल हैं। ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का उद्देश्य देश भर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराना है। यह व्यवस्था आजादी के बाद 1967 तक चली थी, लेकिन बाद में विभिन्न कारणों से टूट गई। अब सरकार इसे फिर से लागू करने की कोशिश कर रही है।