सहरसा, अजय कुमार: कोशी प्रमंडल में वर्तमान शिक्षा की दिशा एवं दशा पर शैक्षणिक सेमिनार रविवार को आयोजित हुई। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत दीप प्रज्वलित कर मंगलाचरण डॉ नवनीत झा द्वारा और स्वागत गान महादेव के द्वारा आयोजित किया गया। विदित हो कि रविवार को देव रिजॉर्ट में राजू फाउंडेशन द्वारा शैक्षणिक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें शहर तथा ग्रामीण क्षेत्र के 100 से ऊपर शिक्षकों ने भाग लिया।शहर की शिक्षण व्यवस्था पर तथा उसके बदलाव पर अपनी अपनी बात रखी। फाउंडेशन ने दूरदराज और शहर के आए हुए 100 से ऊपर शिक्षकों को सम्मानित किया।जिसमें अतिथि के तौर पर आईआईएम बेंगलुरु से मिथिलेश्वर झा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि अब बच्चों को ज्यादा से ज्यादा टेक्निकल और वोकेशनल कोर्स करनी चाहिए।जिससे उनकी लाइफ आगे की भविष्य के लिए सुरक्षित होगी।विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रोफ़ेसर भवानंद झा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि अब तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई के लिए कोटा दिल्ली की आवश्यकता नहीं है।वक्ता के तौर पर शिक्षक संजय झा, सुनील कुमार झा, पवन झा ,रजनीश कुमार, पीयूष झा, सुदीप सुमन,संदीप कश्यप सहित अन्य लोगों ने भी शिक्षा की दशा पर सकारात्मक बातें रखी।
सेमिनार की परिकल्पना राह दो फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य डॉ रमन झा एवं डॉ गौतम झा ने की। डॉक्टर रमन झा ने सेमिनार में आए हुए सभी लोगों का अभिनंदन हृदय से किए और उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि किसी भी समाज की परिकल्पना शिक्षा और स्वास्थ्य के बिना विहीन है। उन्होंने अपनी परिकल्पना शहर के सभी सम्मानित गुरुओं के बीच रखी कि बहुत जल्द एक इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी कराने वाले की संस्थान की नींव सहरसा में रखने जा रहे हैं।जिसमें शिक्षक में केवल डॉक्टर इंजीनियर की टीम रहेगी। जिसमें मध्यमवर्गीय और गरीब बच्चे अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। मंच संचालन की भूमिका आनंद झा ने बखूबी निभाई और अपने बेहतरीन संचालन से सेमिनार की समा को बनाए रखें।इस शैक्षणिक सेमिनार के सफल आयोजन में चमन कश्यप, बमबम मिश्रा, रोशन झा, त्रिपुरारी झा, गुलशन कुमार, सत्यम कुमार का बहुत बड़ा योगदान रहा।