पूर्णिया: PAPPU YADAV सांसद पप्पू यादव ने लोक सभा में देश में होने वाली परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने की मांग को लेकर जोरदार आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में तेजी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए फॉर्म भरने के 15 दिनों के भीतर परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए और परीक्षा के 20 दिनों के अंदर परिणाम घोषित किए जाने चाहिए। इससे भर्ती प्रक्रिया में सुधार होगा और योग्य उम्मीदवारों को समय पर अवसर प्राप्त होंगे। सांसद ने इस मुद्दे पर सरकार से शीघ्र कार्रवाई की मांग की है। सांसद पप्पू यादव ने पेपर लीक मामलों पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि पेपर लीक जैसी घटनाएं देश की शिक्षा प्रणाली और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हैं।
वहीं, उन्होंने सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि आज यहां बार-बार रोजगार की बात होती है, यूथ की बात होती है, एजुकेशन की बात होती है। आप हमें बताइए, दलितों को स्कॉलरशिप मिलता था। स्कॉलरशिप में अब क्या किया गया, उस दलित की स्कॉलरशिप को क्यों रोक दिया गया। आपने कहा एडमिशन लो फिर कहा कि 60 परसेंट अटेंडेंस होगी तब स्कॉलरशिप देंगे। इसी तरह मिनिमम मदरसे के लिए बजट दो करोड़ रुपये कर दिया। अल्पसंख्यकों के लिए फैलोशिप जैसे मौलाना आज़ाद फैलोशिप बंद कर दी। आप अल्पसंख्यकों के लिए बजट सीधा 117 करोड़ रुपये पर ले आए।
सांसद ने कहा कि नौकरी के लिए चार सौ बड़े कॉरपोरेट घरानों को कहा है कि बेरोजगार लड़कों को पांच हजार अनुकम्पा पर इनसेन्टिव दीजिए। लेकिन सवाल यह है कि यह इन्सेन्टिव कब मिलेगा, लगभग चालीस हजार लोग कॉरपोरेट्स के यहां पहले से काम कर रहे हैं। दो करोड़ नौकरी देने की योजना में 25 हजार रुपये एक कॉरपोरेट पर कहां से आएगा, यह हमें बताएं। यह बेरोजगारों के लिए झूठ वाली बात है। जब आप रोजगार पर बात करते हैं तो इस देश में सबसे ज्यादा इंडस्ट्री किस क्षेत्र में है- फूड प्रोसेसिंग, पर्यटन, टेक्सटाइल्स, बुनकर, कालीन, टेक्सटाइल योजना पर कितना टैक्स बढ़ा, इसे आप देख लीजिए। टेक्सटाइल पर इन्होंने कोई छूट नहीं दी, कोई रिलैक्शेसन नहीं दिया और टैक्स को बढ़ा दिया।जब हम टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा नहीं देंगे तो रोजगार कहां से डेवलप होगा? जब फूड प्रोसेसिंग की बात करते हैं, यूपी, बिहार या जहां भी दलहन और तिलहन होता है, हम मक्का, मखाना की बात करते हैं, दूध प्रोडक्ट्स की चीजों पर टैक्सेज बढ़ाये हुए हैं। सबसे ज्यादा काम करने वाली 70-80 प्रतिशत महिलाएं हैं, उनके लिए कोई नई योजना नहीं है। आपने उनके लिए क्या किया?
उन्होंने कहा कि उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 15 प्रतिशत जीएसटी माफ कर दें ताकि हम अपने यहां उद्योग डेवलप कर सकें। हमने पूर्णिया में आईआईएम की बात कही, पूर्णिया, कोसी सीमांचल में आईआईटी की बात कही। हमने मक्का और मखाना के लिए फैक्ट्री की बात कही, लेकिन आपने कुछ नहीं किया, बल्कि उल्टा सारे मिडल क्लास पर जीएसटी का बोझ डाल दिया। आपने युवाओं और गरीबों पर बोझ डाल दिया। आपने किसानों पर बोझ डाल दिया और आप कॉरपोरेट को सपोर्ट करते रहे।
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