पूर्णिया: Parliament Session सांसद में बजट सत्र पर चर्चा के दौरान पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव ने पूर्णिया में केन्द्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने की मांग सदन के माध्यम से सरकार से की। उन्होंने इसके अलावा पूर्णिया-कोसी-सीमांचल में आईआईटी-आईआईएम-एम्स को समय की मांग बताया और कहा कि इससे ना सिर्फ पूर्णिया का विकास होगा, बल्कि इससे इस पूरे इलाके में आशातीत बदलाव आएगा और कोसी-सीमांचल के इलाके का पिछड़ापन दूर होगा। सांसद ने कहा कि बजट में पूर्णिया के लिए फ़ूड प्रोसेसिंग का प्रावधान होना चाहिए था, ताकि मक्का और मखान पर आधारित उद्योग से लोगों को रोजगार से जोड़ा जाये और पलायन में कमी आये। पप्पू यादव ने कहा कि बिहार को विशेष पैकेज मिलना चाहिए। बिहार में बंद पड़े सभी उद्योग को फिर से शुरू करने का प्रावधान बजट में होना चाहिए था, ताकि बिहार से लगातार हो रहे पलायन और गरीबी को दूर किया जा सके।
उद्योग लगने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और इससे क्षेत्र में उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और राज्य सरकार के राजस्व को भी लाभ मिलेगा। इसके अलावा जो मजदुर काम के सिलसिले में बाहर जा रहे हैं, उनके लिए कोई इंश्योरेंस नहीं है। उसकी भी व्यवस्था करना अनिवार्य है। सांसद ने बजट सत्र में चर्चा के दौरान आंगनवाडी, रसोइया, ममता, आशा, नियोजित, संविदा और शिक्षा मित्र के मुद्दे को भी रखा। इस दौरान उनके सम्मानजनक अधिकार की बात की। वहीँ उन्होंने सदन में दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी करने वाले 3 छात्रों की मृत्यु के मुद्दे को भी सदन में प्रमुखता से उठाया और कहा कि ऐसी घटनाएँ नयी नहीं है। इसमें दलगत राजनीति से उपर उठकर समाधान निकालने की जरूरत है, ताकि भविष्य में बिहार की बेटी तान्या जैसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो। उन्होंने इसके लिए सदन के माध्यम से सरकार से कोचिंग संचालक के संबंध में मानक तय करने की मांग की और इसके लिए किसी तरह की गाइडलाइन्स और सरक्षा की व्यवस्था के ना होने को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि मैं सरकार से मांग करता हूँ कि कोचिंग्स के मानक तय किये जाएँ, उनके लिए गाइडलाइन्स बनायीं जाए। उनकी क्वालिटी में सुधार किया जाए और देश के भविष्य को सुरक्षित बनाया जाए।
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