पूर्णिया : पूर्णिया के भवानीपुर में हुए व्यवसायी गोपाल यादुका की हत्या ने स्थानीय राजनीति में भूचाल ला दिया है। इस घटना ने सांसद पप्पू यादव और जदयू नेताओं के बीच तीखी बहस छेड़ दी है, जिसमें दोनों पक्ष एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। जदयू नेता शंभू जयसवाल, विकास मंडल और जितेंद्र मुखिया ने सांसद पप्पू यादव पर बिना सबूत के आरोप लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पप्पू यादव अपने जातीय समुदाय के लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। जदयू नेताओं ने पप्पू यादव की राजनीतिक सफलता को “एक्सीडेंटल” बताया और उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। इसके जवाब में, सांसद पप्पू यादव के समर्थकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर पलटवार किया।
उन्होंने यादव को “गरीबों का मसीहा” बताया और उनकी जीत को जनता के समर्थन का परिणाम बताया। उन्होंने जदयू नेताओं पर व्यक्तिगत हमले करने का आरोप लगाया और कहा कि वे मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। यह विवाद यादुका हत्याकांड की जांच को प्रभावित करने की संभावना पैदा करता है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर जांच को गुमराह करने का आरोप लगा रहे हैं। इस बीच, मृतक के परिवार ने संदेह जताया है कि वास्तविक अपराधी अभी भी आजाद हो सकता है। अंत में, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे से संयमित भाषा का उपयोग करने की अपील की है।