पटना: बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरु होने के बाद प्रश्नकाल के दौरान माइक तोड़ने के जुर्म में भाजपा विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन को दो दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने दो दिनों के निलंबन का प्रस्ताव दिया जिसे सदन ने बहुमत से पारित कर दिया। इधर इस मामले के बाद सियासत गरम हो गई है। भाजपा विधायक के निलंबन के बाद विधानमंडल के अंदर और बाहर जोरदार तनातनी का मौहल रहा। लखेन्द्र कुमार रौशन के निलंबन को एकतरफा कार्रवाई बताते हुए भाजपा के दोनों सदनों के सदस्यों ने विधानमंडल के बाहर धरना शुरू कर दिया। पहले बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा और अन्य विधायक धरना पर बैठे। बाद में विधान परिषद में नेता विरोधी दल सम्राट चौधरी भी अन्य भजपा एमएलसी के साथ धरना में शामिल हो गए। वहीं इस मामले को लेकर बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने इसे विधानसभा का काला दिन बताया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी पर विपक्ष के साथ भेदभाव बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि दलित विधायक को आज सत्ता पक्ष के एक विधायक द्वारा सदन में गाली दी गई।
गौरतलब है कि आज मंगलवार को समाज कल्याण विभाग से जुड़े एक सवाल के दौरान बीजेपी विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन ने माइक तोड़ दी थी। इस दौरान सत्ता पक्ष व विपक्षी विधायकों के बीच भारी नोक झोंक हुई थी। विवाद बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी। भोजनावकाश के बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो संसदीय कार्य मंत्री ने विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन से खेद व्यक्त करने को कहा। नेता प्रतिपक्ष ने इसका विरोध किया। वहीं आरोपी विधायक ने खेद व्यक्त करने के इनकार कर दिया और कहा कि दलित होने की सजा दी जा रही है।