पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: PURNIA BREAKING जिले के चर्चित भवानीपुर के गोपाल यादुका हत्याकांड मामले में फैजान पार्टी के सरगना सह पूर्व प्रमुख अवधेश मंडल ने सोमवार की दोपहर पूर्णिया न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया है, काॅर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जबकि उसका पुत्र राजा कुमार अभी भी फरार चल रहा है। दोनों के खिलाफ वारंट जारी हुआ था, जिसको लेकर पूर्व में अवधेश मंडल के घर पर इश्तेहार भी चिपकाया गया था। यह बता दें कि 2 जून को सुबह लगभग दस बजे भवानीपुर के प्रतिष्ठित व्यवसायी गोपाल यादुका की पेंट की दुकान पर बाइक सवार दो नकाबपोश अपराधी पेंट खरीदने के बहाने पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने उनकी कनपटी में गोली मारकर हत्या कर दी थी तथा बाइक से फरार हो गए थे। इस दौरान एक मोड पर उसकी बाइक फिसल गई थी, जिससे वे दोनों गिर पडे थे तथा फिर से वे वहां से उठकर भवानीपुर की पश्चिम दिशा में भाग खडे हुए थे। गिरने की जगह पर उनसे एक जिंदा कारतूस भी गिर गया था। यादुका को तत्काल पीएचसी भवानीपुर पहुंचाया गया था, जहां उनका प्राथमिक उपचार कर पूर्णिया रेफर कर लिया गया था, परंतु उनकी मौत हो गई थी।
इस घटना को लेकर पीडित परिवार द्वारा अज्ञात के विरूद्ध कांड संख्या 112/2024 के तहत मामला दर्ज कराया गया था। हत्या के दिन अवधेश मंडल हत्या की खबर पाकर आक्रोश में बाजार भी बंद करवाने पहुंचा था, तब किसी को यह पता नहीं था कि इस हत्याकांड में इसकी भी संलिप्तता है। पुलिस ने अपने अनुसंधान एवं तकनीकि मदद से गोली मारनेवाले तथा लाइनर का काम करनेवाले ब्रजेश कुमार, विकास कुमार, विशाल राय एवं संजय भगत उर्फ ब्रोकर को गिरफ्तार किया। उनकी गिरफ़्तारी के बाद इस हत्याकांड पर से परत-दर-परत कलई खुलती चली गई। गिरफ्तार सभी अपराधियों ने इस हत्याकांड का खुलासा किया तथा बताया कि फैजान सरगना सह भवानीपुर के पूर्व प्रमुख अवधेश मंडल एवं उसके पुत्र राजा कुमार ने गोपाल यादुका की हत्या की साजिश रची तथा इसके लिए उन्होंने भवानीपुर एवं बीकोठी के तथाकथित अपराधियों ब्रजेश कुमार, विकास कुमार, विशाल राय से संपर्क साधा तथा हत्या के लिए दस लाख में सुपाडी दी। मामला जमीन खरीद-बिक्री से जुडा हुआ था। मृतक गोपाल यादुका की जमीन से संबंधित कई मामलों में यहां के जमीन ब्रोकरों से तालुकात थे। इसमें से एक अवधेश मंडल भी था। अपराधियों की स्वीकरोक्ति के आधार पर पुलिस को अब अवधेश मंडल एवं उसके पुत्र राजा कुमार की बेसब्री से तालाश थी।
इसके लिए अवधेश मंडल की पत्नी सह पूर्व मंत्री बीमा भारती के पटना स्थित आवास पर भी छापेमारी की गई थी, जिसको लेकर पटना से लेकर रूपौली तक काफी हाई वोल्टेज ड्रामा भी हुआ था। जब अवधेश मंडल तथा उसका पुत्र राजा नहीं मिले, तब उनके घर इश्तेहार भी चिपकाया गया था। इस दौरान पुलिस पर निर्दोश को फंसाने का भी काफी आरोप लगा था, परंतु पुलिस दबाव में नहीं आयी थी। तेज-तर्रार कहे जानेवाले भवानीपुर के थानाध्यक्ष सुनील कुमार पर किसी भी दबाव का असर नहीं पडा तथा उन्होंने इस हत्याकांड पर से पर्दा हटा ही दिया था। अब पुलिस राजा को पकडने के लिए सारे पैंतरे आजमाने में लगी है। देखें राजा कबतक गिरफ्तार हो पाता है?। अवधेश मंडल के आत्मसर्मण के बाद पुलिस कुछ चैन की सांस ली है। सबसे महत्वपूर्ण बात कि जिस हथियार से यादुका को गोली मारी गई थी, आजतक वह बरामद नहीं हुआ है, इसको लेकर भी काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। कुल मिलाकर इस हत्याकांड ने इतना तो जरूर साबित कर दिया है कि जमीन ब्रोकर अपने लाभ के लिए किसी भी सीमा तक जा सकते हैं।
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