पूर्णिया : पूर्णिया जिले में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत जिलाधिकारी श्री कुंदन कुमार की अगुवाई में “प्रोजेक्ट वात्सल्य” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के परिजनों से संवाद स्थापित किया गया। आयोजन का मुख्य उद्देश्य था थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे बच्चों और उनके परिवारों की समस्याओं को समझना और उनके समाधान तलाशना।
कार्यक्रम की शुरुआत जिलाधिकारी, उपविकास आयुक्त और सिविल सर्जन द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। सिविल सर्जन डा. ओपी साहा ने थैलेसीमिया के बारे में विस्तार से बताया और स्पष्ट किया कि यह बीमारी तभी होती है जब माता-पिता दोनों थैलेसीमिया कैरियर हों।
उन्होंने थैलेसीमिया के अल्फा और बीटा प्रकारों के बारे में भी जानकारी दी। जिलाधिकारी ने परिजनों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट वात्सल्य का उद्देश्य है थैलेसीमिया की रोकथाम और बेहतर इलाज की व्यवस्था करना।
रेड क्रॉस ब्लड बैंक को पुनर्जीवित किया जा रहा है और मेडिकल कॉलेज में भी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। बैठक के दौरान बोन मैरो ट्रांसप्लांट, एचएलए टेस्टिंग और गर्भावस्था के दौरान थैलेसीमिया जांच जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई। परिजनों ने अपने अनुभवों को साझा किया और कई मामलों में जिला प्रशासन से सहायता मिलने की भी बात कही।
जिलाधिकारी ने सभी को आश्वस्त किया कि थैलेसीमिया को लेकर अफवाहों में नहीं आना चाहिए क्योंकि यह एक पूरी तरह अनुवांशिक बीमारी है। उन्होंने विशेषज्ञों की एक टीम के आगमन की भी घोषणा की जिससे थैलेसीमिया से जुड़े सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हो सके।
अंत में, जिलाधिकारी ने परिजनों को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन उनके साथ खड़े हैं और सभी तरह की सहायता प्रदान की जाएगी। परिजनों ने इस पहल की सराहना की और स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों ने भी कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी निभाई।