पूर्णिया/रूपौली/अभय कुमार सिंह : भीषण गर्मी से तप रही धरती से एकओर जहां किसानों को मक्का फसल तैयार करने में परेशानी नहीं हो रही है, वहीं मखाना की खेती, धान का बिचड़ा गिरानेवाले किसान इस गर्मी से बेदम हो रहे हैं । अभी तक यहां बारिश का नामो-निशान नहीं है । धरती पूरी तरह से सूख चूकी है ।
खासकर मखाना की खेती करनेवाले किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । हर जगह बिजली उपलब्ध नहीं होने के कारण किसान मंहगे डीजल पर भी आज निर्भर हैं । यह बता दें कि प्रखंड के नीचले इलाकों में जहां जलजमाव होता था, वहां अब किसान मखाना की खेती करने लगे हैं ।
खासकर सिंहपुर दियारा, डोभा मिलिक पंचायत में इसकी खेती व्यापक रूप से होने लगी है । इन पंचायतों में बाढ का पानी एवं जलजमाव हमेशा होता रहता है। उन्हीं खेतों में धान की फसल भी डूब जाती है, इसलिए किसान मखाना फसल से अब अपना भाग्य आजमाने लगे हैं । मौके पर रूपौली गांव के किसान बताते हैं कि और फसल की अपेक्षा मखाना की खेती में परेशानी कम है ।
इसमें बस पानी की जरूरत पड़ती है तथा लगाने एवं तैयार करने में जो मेहनत पड़ता है । तैयार करने में भी बाहर से ठेका पर मजदूर आ जाते हैं । बस जो भी परेशानी पानी पटवन से संबंधित है । बिजली के पोल हर जगह उपलब्ध नहीं होने से किसान पंपसेट से ही पानी पटाने पर मजबूर हैं । कुल मिलाकर आज किसानों को हर खेत तक बिजली पहुंचाने की जरूरत है । देखें कब तक किसानों को समुचित रूप से बिजली मिल पाती है ।