पूर्णिया: PURNIA NEWS जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा लोगों को परिवार नियोजन के विभिन्न सुविधाओं के प्रति जागरूक करते हुए लोगों को आवश्यक सुविधाओं का लाभ उपलब्ध कराने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा पीएसआई इंडिया के सहयोग से राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसीएच) के पारा मेडिकल भवन में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान सभी प्रखंड के स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों को अलग अलग बैच के माध्यम से परिवार नियोजन के विभिन्न सुविधाओं का लाभ देने के लिए चिन्हित करते हुए इच्छुक दंपत्तियों को आवश्यक सुविधा का लाभ उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षित किया गया। सभी स्वास्थ्य और कर्मियों को समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, कसबा के चिकित्सा अधिकारी सह पुरूष नसबंदी एक्सपर्ट सर्जन डॉ विभाष कुमार झा द्वारा परिवार नियोजन के विभिन्न परिस्थितियों में लाभार्थियों के लिए उपयुक्त परिवार नियोजन के विभिन्न सुविधाओं के प्रति आवश्यक जानकारी दी गई। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया, डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास, डीसीएम संजय दिनकर, डीएमएनई आलोक कुमार, डीपीसी डॉ सुधांशु शेखर, डीसीक्यूए डॉ अनिल कुमार शर्मा, पीएसआई इंडिया के जिला प्रोग्राम मैनेजर मयंक राणा, सीनियर फील्ड प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर ब्यूटी कुमारी सहित संबंधित प्रखंड के प्रसव कक्ष और ऑपरेशन कक्ष की एक-एक एएनएम, बीएचएम, बीसीएम और परिवार नियोजन काउंसेलर उपस्थित रहे।
- गर्भधारण के लिए सही समय और उचित अंतराल का होना आवश्यक :
स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करते हुए परिवार नियोजन विशेषज्ञ डॉ विभाष कुमार झा ने बताया कि गर्भधारण के लिए सही समय और उचित अंतराल का होना आवश्यक है। उचित उम्र और समय महिलाओं को गर्भधारण करने में मदद करता है। डब्लूएचओ की सलाह है कि एक बच्चे की जन्म के बाद अगले गर्भधारण के लिए लोगों को 24 महीनों का अंतराल रखना चाहिए जबकि गर्भपात होने के बाद अगले गर्भधारण के लिए कम से कम 06 महीने का अंतराल रखना चाहिए। दोनों अवस्था में गर्भधारण का अंतराल नहीं रखने पर मातृ, नवजात, बाल मृत्यु में वृद्धि की संभावना बनी रहती है। अंतराल नहीं रखने पर महिलाओं को गर्भावस्था से संबंधित अधिक अस्वस्थता या होने वाले बच्चों की कुपोषण ग्रसित होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए अस्पताल में प्रसव कराने के बाद संबंधित लाभार्थियों को इसके प्रति जागरूक करते हुए दंपत्तियों द्वारा इच्छुक सेवाओं का लाभ उपलब्ध कराना चाहिए ताकि मां और बच्चा दोनों स्वास्थ्य रह सकें।
- परिवार नियोजन के स्थायी साधनों में महिला बंध्याकरण के साथ साथ पुरुष नसबंदी बेहतर विकल्प :
विशेषज्ञ डॉ विभाष कुमार झा ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्रों में परिवार नियोजन के लिए अस्थायी और स्थायी दोनों सुविधाऐं उपलब्ध रहती है। दंपत्तियों द्वारा जरूरत के अनुसार उपयुक्त सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। परिवार नियोजन के स्थायी सुविधा के रूप में महिला बंध्याकरण और पुरूष नसबंदी सुविधा सभी स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध रहती है। महिला बंध्याकरण सुविधा का लाभ सामान्य महिला द्वारा माहवारी शुरू होने के पहले दिन से सात दिन के अंदर लिया जा सकता है। वहीं सामान्य प्रसव में 07 दिनों के अंदर जबकि सिजेरियन प्रसव में प्रसव के साथ साथ महिला बंध्याकरण सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। इस दौरान बंध्याकरण नहीं कराने वाली महिलाओं का प्रसव के 06 सप्ताह बाद बंध्याकरण कराया जा सकता है। इसके लिए अस्पताल में प्रसव कराने वाले महिलाओं और उनके परिजनों को जागरूक करना चाहिए ताकि उनके द्वारा इसका लाभ उठाया जा सके। वहीं परिवार नियोजन के स्थायी साधनों में पुरूष नसबंदी सबसे बेहतर विकल्प है। पुरूष नसबंदी का ऑपरेशन बिना चीरा, बिना टांका लगाए भी किया जा सकता है। पुरूष नसबंदी कराने पर आधे घंटे बाद लाभार्थी घर जा सकते हैं। पुरूष नसबंदी अपनाने से लाभार्थी के रोज के काम काज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और लाभार्थी पुरुषों का मर्दानगी और जोश पहले जैसा बना रहता है। पुरूष नसबंदी का प्रभाव आने में 03 महीने तक का समय लगता है। इसलिए पुरूष नसबंदी के बाद से अगले 03 महीने तक संबंधित लाभार्थियों को कंडोम या निरोधक सुविधा का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
- सभी अस्पतालों में उपलब्ध रहते हैं परिवार नियोजन के अस्थायी साधन :
डीसीएम संजय दिनकर ने बताया कि जिले के सभी अस्पतालों में परिवार नियोजन के अस्थायी साधन के रूप में अंतरा सुई, माला-एन की गोली, कॉपर टी, छाया की गोली उपलब्ध रहती है। लोगों द्वारा किसी भी अस्पताल से इस सुविधा का लाभ उठाते हुए सुनिश्चित समय तक गर्भावस्था से सुरक्षित रहा जा सकता है। अनचाहे गर्भ से सुरक्षा के लिए सभी अस्पतालों में कंडोम बॉक्स भी उपलब्ध है जिसका इच्छुक लोगों द्वारा उपयोग किया जा सकता है। लोग परिवार नियोजन के अस्थायी सुविधा का लाभ उठाते हुए दो बच्चों के बीच आवश्यक अंतराल रखते हुए माँ और बच्चों को बिल्कुल स्वास्थ्य रख सकते हैं।
- परिवार नियोजन सुविधा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रखंड स्तर पर आयोजित होगा कैम्प :
कार्यशाला में डीसीएम संजय दिनकर, जिला मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी आलोक कुमार तथा पीएसआई इंडिया के जिला प्रोग्राम मैनेजर मयंक राणा द्वारा पिछले कुछ महीनों में जिले के सभी प्रखंडों में परिवार नियोजन के प्रगति का मूल्यांकन करते हुए आने वाले समय में इसमें और सुधार करने के लिए आवश्यक निर्देश दिया गया। इसके लिए सभी प्रखंडों में परिवार नियोजन कैम्प आयोजित कर लोगों को परिवार नियोजन सुविधा का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा ताकि लोगों द्वारा आसानी से इसका लाभ उठाया जा सके।
- कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य लोगों को परिवार नियोजन के विभिन्न विकल्पों के लिए जागरूक करना :
सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने कहा कि जिला स्वास्थ्य विभाग और पीएसआई इंडिया के सहयोग से आयोजित कार्यशाला द्वारा सभी प्रखंड के स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों के माध्यम से समुदाय स्तर के लोगों को परिवार नियोजन के विभिन्न विकल्पों के प्रति जागरूक करना मुख्य उद्देश्य है। परिवार नियोजन के मामले में हर व्यक्ति का अपना व्यक्तिगत निर्णय होता है और सभी स्वास्थ्य कर्मियों का यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें परिवार नियोजन के लिए सही और सुरक्षित विकल्प मिल सके। इस कार्यशाला द्वारा सभी स्वास्थ्य कर्मियों को परिवार नियोजन के विभिन्न विकल्पों के प्रति जागरूक करते हुए इच्छुक दंपत्तियों को उनके इच्छा अनुसार परिवार नियोजन सुविधा का लाभ उपलब्ध कराई जाएगी जिससे कि समाज में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता पैदा हो सकेगा और लोग इसका लाभ उठा सकेंगे।
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