अरुण सिंह, विधि सं.,पूर्णिया (ANG INDIA NEWS) : माननीय उच्च न्यायालय पटना के निर्देशानुसार जिला एवं सत्र न्यायाधीश पूर्णिया किशोर प्रसाद ने मंगलवार को एक आदेश निर्गत किया जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गया। इस आदेश के अनुसार जिले के सभी न्यायालयों में कुछ शर्तों एवं सीमाओं के साथ न्यायिक कार्यो का निष्पादन शोसल डिस्टेंसिंग के साथ आरम्भ हो गया। न्यायिक कार्यों निष्पादन न्यायालय में दोनों ही तरह से होने लगा यानी न्यायालय में सदेह उपस्थिति होकर और वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से भी। जिला न्यायालय पूर्णियाँ के साथ-साथ अनुमंडल न्यायालय वैसी, बनमनखी एवं धमदाहा में भी काम आरम्भ हो गया।
यह ब्यवस्था अगले आदेश तक लागू रहेगा। दोनों तरह के कोर्ट का समय ढाई घंटे का का रखा गया है। अभी फिलहाल समय सुबह 7:00 बजे से 9:30 बजे तक का है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश पूर्णियाँ, प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट पूर्णिया, प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह स्पेशल जज एससी एसटी एक्ट सह पॉक्सो एक्ट सह चिल्ड्रन कोट पूर्णिया, तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह स्पेशल जज एक्साइज एक्ट का कोर्ट, सीजेएम कोर्ट,जेजेबी, सदर मुंसिफ, मुंसफ सह न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी धमदाहा एवं बनमनखी, सब जज सह एसीजेएम धमदाहा एवं बायसी का कोर्ट प्रत्येक दिन सिर्फ सदेह कोर्ट के रूप में ही उपरोक्त समयनुसार चलेगा जिसमें अधिवक्ता सदेह उपस्थित होकर आवश्यक न्यायिक कार्यों का निष्पादन कर सकेंगे। इन न्यायालयों का वर्चुअल कोर्ट नहीं चलेगा, शेष सभी कोर्ट के लिए कोर्ट में सदेह उपस्थित होकर काम करने के लिए तिथि निर्धारित किए गए हैं, साथ ही जिस दिन सदेह कोर्ट नही है उन तिथियों को इन न्यायालयों में वर्चुअल कोर्ट के द्वारा न्यायिक कार्यों का निष्पादन किया जाएगा। जो कोर्ट खाली है उस कोर्ट के मामलों की भी सुनवाई इंचार्ज कोर्ट में उपरोक्त तरीके से ही होगी। यहां यह भी बता देना आवश्यक है कि न्यायिक कार्यों का निष्पादन सामान्य कोर्ट दिवस के तरह नहीं होगा।
जब दोनों ही पक्ष के अधिवक्ता उपस्थित रहेंगे तो उन मामलों में बहस भी सुना जा सकेगा। इस तरह से कोर्ट का आरंभ होने पर अधिवक्ताओं ने अलग अलग अपनी राय दी है। संघ के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद चौधरी ने कहा की इससे कार्य की जटिलता बढ़ गई है, जिससे काम करने में ज्यादा परेशानी हो रही है। अधिवक्ता समीम अख्तर का कहना है की इस समय पूर्णिया में कोरोना वायरस के मामले काफी बढ़ गए हैं ऐसी स्थिति में न्यायालय में कामकाज आरंभ करना करने से कोरोना के बढ़ने की संभावना ज्यादा है। इसी तरह का विचार अधिवक्ता अदनान मुस्तफा, मिथिलेश कुमार ठाकुर,विद्यापति मिश्र,लक्ष्मण प्रसाद ने भी व्यक्त किए, इन सबों के विचार में जिला अधिवक्ता संघ में अधिवक्ताओं के बीच और साथ-ही-साथ पक्षकारों के बीच भी सोशल डिस्टेंस नामुमकिन सा लगता है, ऐसी स्थिति में कोविड-19 के संक्रमण के बढ़ने की संभावना है।