पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: PURNIA NEWS पार्टी को मजबूत व विस्तार करने और हक दो -वादा निभाओं अभियान को सफल बनाने को लेकर भाकपा माले की स्थाई समिति की बैठक रुपौली मुख्यालय स्थित पार्टी कार्यालय में किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता पार्टी कमेटी के सदस्य कामरेड चतुरी पासवान ने किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक-आर्थिक सर्वे के बाद 95 लाख महागरीब परिवारों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लघु उद्यमी योजना के तहत 2 लाख रुपए सहायता राशि देने की घोषणा जनवरी 2024 में किया गया था। सरकारी घोषणा आय प्रमाण पत्र के झमेले और आनलाइन आवेदन के प्रावधानों के कारण दलितों, अतिपिछड़ों, पिछड़ों के साथ एक क्रुर मजाक बनकर रह गई है। इस राशि के लिए 72 हजार रुपए से कम वार्षिक आमदनी के आय प्रमाण पत्र की शर्त लगा दी गई है जबकि प्रशासन एक लाख रुपए से नीचे का प्रमाण पत्र जारी नहीं कर रही है। जब सरकार के पास पहले से 95 लाख महागरीब परिवारों का डाटा उपलब्ध है तो फिर आय प्रमाण पत्र क्यों मांगा जा रहा हैॽ सभी महागरीब परिवारों को बिना शर्त एक मुश्त 2 लाख रुपए की राशि करवाने तथा तथा लघु उद्यमी की सूची में पशुपालन को भी जोड़ा जाना चाहिए।
आज भी करोड़ों गरीब -गुरबे सड़क,नहर, पोखर किनारे या किसी सरकारी,सिलींग से फालतू जमीन या अपनी जमीन पर पर वर्षों से बसे हुए हैं पर आज तक पक्का मकान नहीं है। केन्द्र सरकार 2022 तक सभी गरीबों को पक्का मकान देने का घोषणा किया था, लेकिन आज तक पुरा नहीं हुआ। सभी गरीबों को आवास भूमि सरकार उपलब्ध करायें और सभी को पक्का मकान बनावें। सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के उपरांत दलितों, अतिपिछड़ों, पिछड़ों के लिए 65% आरक्षण के प्रावधान को संविधान की 9वीं अनुसूची में डबल इंजन के सरकार शामिल करावें। बिहार में विधि व्यवस्था जैसे अपराधियों के हाथों सरकार गिरबी रख दिया है।आयदिन लूट, हत्या बलात्कार, राहजनी, छिनताई करने वाले अपराधी खुल्ला घुम रहे हैं तो दुसरी तरफ जनता के मांगों, समस्यों को लेकर आंदोलनरत भाकपा-माले नेता कां मोख्तार जी को झुठें मुकदमों में फंसाकर जेल में बंद किया गया है। सरकार तत्काल कां मोख्तार जी को रिहा करे और झुठा केस रद्द करें।
इस बैठक का संचालन जिला सचिव कां विजय कुमार ने किया। बैठक में उपस्थित कां इस्लाम उद्दीन, कां सुलेखा देवी, कां चन्द्र किशोर शर्मा, कां चतुरी पासवान, कां अविनास पासवान, कां नंद किशोर पोद्दार रहे। अंत में हक दो -वादा निभाओं अभियान को सफल बनाने के लिए मजदूर -किसानों के बीच सरकार के जन-विरोधी नीतियों, कार्यवाहियों के खिलाफ व्यापक जन गोलबंदी करते हुए जनता के मुद्दों पर आंदोलन में जाना और पार्टी संगठन के विकास व विस्तार के लिए पार्टी सदस्यता भर्ती करने का निर्णय लिया गया है।