PURNIA NEWS विमल किशोर : अमौर प्रखंड क्षेत्र में नहाए खाए के साथ शुरू हुए लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा चौथे दिन उदयीमान भगवान भास्कर सूर्य देवता को अर्घ देने के साथ ही संपन्न हो गया। छठ व्रत के चौथे दिन उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के बाद इस व्रत के पारण का विधान है। 4 दिनों तक चलने वाले इस कठिन तप और व्रत के माध्यम से हर साधक अपने परिवार और विशेष रूप से अपनी संतान की मंगल कामना करता है। बिहार, उत्तर प्रदेश,झारखंड समेत देश के तमाम हिस्सों में मनाए जाने वाला छठ पर्व छठी मैया और प्रत्यक्ष देवता भगवान भास्कर की विशेष पूजा के लिए किया जाता है। भगवान भास्कर की महिमा तमाम पुराणों में बताई गई है। भगवान सुर्य एक ऐसे देवता है, जिनकी साधना भगवान राम और श्री कृष्ण के पुत्र शाम्ब तक ने की थी। सनातन परंपरा से जुड़े धार्मिक ग्रंथों में उगते हुए सूर्य देव की पूजा को अत्यंत ही शुभ और शीघ्र ही फलदाई बताया गया है। लेकिन छठ महापर्व पर की जाने वाली सूर्य देव की पूजा एवं अर्घ का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि छठ व्रत की पूजा से साधक के जीवन से जुड़े सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उसे मनचाहा वरदान प्राप्त होता है l
भले ही दुनिया कहती है कि जो उदय हुआ है उसका डुुबना तय है.लेकिन लोक आस्था के छठ पर्व में पहले डूबते हुए और बाद में दूसरे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ देने का यही संदेश है कि जो डूबा है, उसका उदय होना भी निश्चित है l इसलिए विपरीत परिस्थितियों से घबराने के बजाय धैर्य पूर्वक अपना कर्म करते हुए अपने अच्छे दिनों के आने का इंतजार करें। निश्चित ही भगवान भास्कर की कृपा से सुख समृद्धि और सौभाग्य का वरदान मिलेगा l छठ व्रतियों ने सूर्य देव से अपने परिजनों को निरोग रखने सुख संपत्ति की कामना सहित स्वस्थ एवं निरोग रखने के कामना छठी माई से की। उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य दीया और पूजा की, पूजा के उपरांत ठेकुआ पिरिकिया केला सेब संतरा आदि प्रसाद का वितरण किया. विभिन्न छठ घाटों में प्रशासन सहित पुलिस पदाधिकारी रहे मौजूद। बेलगच्छी घाट सहित प्रखंड के अन्य घाटों मजिस्ट्रेट के साथ प्रशासनिक बल मौजूद थे।