पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: PURNIA NEWS रूपौली में सीडीपीओ के मुंह से बोली गई बातें ही कानुन है, विरोध करने पर चयनमुक्त की धमकी दी जाती है। गैस जैसे खरनाक सामान को बिना कनेक्शन के कागजात के कैसे सेविका ले लें। अगर गैस रिसाव हो जाता है तथा काई हादसा हो जाता है, तब इसकी कौन जिम्मेदारी लेगा। गैस कनेक्शन कहां से उपलब्ध कराया जा रहा है, यह भी किसी को पता नहीं है। उक्त बातें सेविका-सहायिका संघ की अध्यक्ष अनिता कुमारी ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कही। उन्होंने आईसीडीएस के पत्रांक 5414/दिनांक 26.09.2023 का हवाला देते हुए कहा कि इस पत्र के माध्यम से निदेशक का स्पष्ट आदेश है कि गैस कनेक्शन मुख्यालय में शिविर लगाकर सेविका के आवेदन देने के बाद ही विधिवत रूप से आंगनबाडी केंद्र पर उपलब्ध कराया जाना है। गैस कनेक्शन आंगनबाडी विकास समिति के सचिव के नाम से होगा। इस कनेक्शन में दो गैस सिलेंडर एवं एक बर्नर वाला चूल्हा शामिल है। यह गैस कनेक्शन इंडियन ऑयल, भारत एवं हिंदुस्तान पेट्रोलियम कंपनी में से किसी एक कंपनी का ही होगा। इसके लिए 5017 रूपये गैस सिलेंडर एवं 1483 रूपये एक बर्नर का चूल्हा, कुल 6500 रूपये उपलब्ध कराया जाना है, जो आंगनबाडी विकास समिति द्वारा भुगतान करना होगा।
इस पत्र के लगभग दस माह होने चले हैं, आजतक ना तो शिविर लगाया गया, और ना ही गैस कनेक्शन के लिए आवेदन ही लिया गया। सीडीपीओ के मौखिक आदेश पर सीधा सेविका के घर पर गैस सिलेंडर एवं चूल्हा की आपूर्ति की जा रही है। घटिया चूल्हा एवं रेगुलेटर को देखते ही सेविकाओं ने इसे बदलने की मांग की है। साथ ही सेविकाओं द्वारा गैस कनेक्शन के कागजात की भी मांग की जा रही है, क्योंकि अगर आंगनबाडी केंद्र में गैस रिसाव के कारण कोई हादसा हो जाता है, तब फिर उसकी कौन जिम्मेदारी लेगा। इस बात को लेकर जब सीडीपीओ पुष्पा रानी से बात की जाती है, तब वह चयनमुक्त की धमकी देती हैं। वह कहती हैं कि उनके मुंह से निकली बात ही कानुन है, अन्यथा चयनमुक्त के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि गैस चूल्हा कोई मोबाइल नहीं है कि दस हजार का मोबाइल चार हजार में खरीदकर सेविकाओं को थमा दिया गया। गैस कनेक्शन विधिवत रूप से अगर नहीं लिया जाता है, तब उससे काफी परेशानी हो सकती है। उन्होंने डीएम से मांग की कि वे इस समस्या का समाधान करें, क्योंकि यह सेविका एवं बच्चों की जिंदगी का सवाल है। गैस लिकेज की घटनाएं आम हो गई हैं, उसमें भी जिस कमरे में बच्चों को रखा जाता है, उसी कमरे में बच्चों के लिए खाना भी बनाया जाता है, ऐसी परिस्थिति में किसी तरह की अनहोनी होती है, तब फिर इसकी जवाबदेही कौन लेगा। वही इस सम्बन्ध में सीडीपीओ पुष्पा रानी बताती है की वह अभी मिटिंग में पूर्णिया जा रही हैं, आप कार्यालय आएं, तब सारी बातों की जानकारी दी जाएगी।
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