पूर्णिया, विमल कुमार: PURNIA NEWS अमौर प्रखंड में 13 वर्षों से अधूरा पड़ा खाड़ी पुल स्थानीय विकास और आवागमन में बड़ी बाधा बन गया है। जनप्रतिनिधियों के अनुसार, प्रखंड में नदियों का जाल बिछा होने के बावजूद, आजादी के 77 वर्ष बाद भी लाखों की आबादी या तो चचरी पुल या नाव पर निर्भर है। खाड़ी घाट में 13 साल पहले शुरू हुआ उच्च स्तरीय पुल का निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इसके कारण दर्जनों पंचायतों में विकास की रोशनी नहीं पहुंच पाई है, जिसका प्रतिकूल प्रभाव शिक्षा और स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। स्थानीय लोगों को जान जोखिम में डालकर नाव से नदी पार करनी पड़ती है। प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए 5 किलोमीटर की। जगह 30-35 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है।
बरसात के मौसम में स्थिति और भी गंभीर हो जाती है, जब लोगों को भारी जोखिम उठाकर यात्रा करनी पड़ती है। इस समस्या के समाधान की मांग को लेकर पहले भी धरना-प्रदर्शन किया गया है और सम्बंधित विभाग को ज्ञापन दिया गया है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि शासन-प्रशासन की उपेक्षापूर्ण नीति के कारण पुल का निर्माण कार्य लंबे समय से लटका हुआ है। अब क्षेत्र की जनता और जनप्रतिनिधि मजबूर होकर जन आंदोलन की राह पर निकल पड़े हैं। वे इस आंदोलन को और अधिक तीव्र बनाने की योजना बना रहे हैं, ताकि प्रशासन की “कुंभकर्णी नींद” टूटे और लंबित पुलों का निर्माण कार्य पूरा हो सके।
Tiny URL for this post: