पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: PURNIA NEWS नेपाल, पश्चिम बंगाल, झारखंड सहित अनेक जगहों से आनेवाले श्रद्धालुओं का सर्वमनोकामना पूर्ण करने वाली मां बमकाली का प्रखंड के कोयली सिमडा पंचायत के सपाहा गांव मां का दरबार सजने लगा है। यहां प्रत्येक वर्ष के दीपावली के दूसरे दिन मात्र एक दिन पूजा-अर्चना एवं एक ही दिन का मेला लगता है। जिसमें सीमावत्र्ती राज्यों, जिलों से लगभग दो लाख श्रद्धालु प्रत्येक वर्ष यहां मन्नत मांगने तथा मनोकामना पूर्ण होने पर पहूंचते हैं। यहां के लोगों का मानना है तथा देखा गया है कि यहां से कोई खाली हाथ नहीं लौटा है। यहां दुकान लगाने वाले दुकानदार हों या मां के दरबार में आने वाले श्रद्धालु कभी कोई खाली हाथ नहीं लौटा। कुछ इसी कारण यहां जहां दुकानदारों की भारी भीड़ होती है, वहीं इस गैर रूट में भी लोखों की भीड़ उमड़ती है।
यहां के लोगों का यह भी कहना है कि मां के आदेशानुसार यहां मेला एक दिन ही लगता है। एकबार मां के आदेश की अवहेलना की गयी थी, जिससे यहां के दर्जनों लोग हैजा के शिकार हुुए थे तथा असमय काल-कवलित हुए थे। इसलिए फिर किसी ने दुबारा ऐसी हरकत नहीं की। मां की पुरानी वाली पिंडी आज भी ज्यों की त्यों उसी हालत में है। यहां एक विशाल भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया है, इसी भव्य मंदिर में पंडितों द्वारा विधिवत प्राण-प्रतिष्ठा कराकर नये मंदिर में स्थापित किया गया है। इस पूजा में लगभग दस टन मिठाईयों का चढ़ावा तो चढ़ता ही है, इसके अलावा भी सोने-चांदी के जेवरात भी श्रद्धालु चढाते हैं। जबकि यहां सबसे ज्यादा छागर का चढ़ावा होता है। जिसकी संख्या लगभग 1 हजार से कम नहीं होती। इसके अलावा यहां प्रसाद भी लगभग दस टन से कम नहीं चढ़ता है। छागर के सिर को मंदिर समिति रख लेती है तथा उसे पूरेे क्षेत्र में प्रसाद के रूप में सिरा के साथ-साथ प्रसाद में चढे मिठाईयां भी बांट देती है। इस मंदिर के विकास में भी क्षेत्र के लोगों के साथ-साथ श्रद्धालुओं का काफी योगदान रहा है।
कुछ इसी कारण यहां इस मंदिर के निर्माण में लगभग एक करोड़ की अबतक लागत लग गयी है। जिसमें क्षेत्र के लोगों का श्रमदान भी है। यह भी बताते चलें कि इस तरह का मंदिर शहरों में भी कम ही दिखाई पडते हैं। समिति के सदस्यों का कहना है कि इस मंदिर को अगले पांच वर्षों में एक अलग ढंग से भव्यता प्राप्त होगी, जो इस सीमांचल क्षेत्रों में देखने को नहीं मिलेगा। इस संबंध में मंदिर के संरक्षक सह शिक्षाविद परीक्षण मंडल कहते हैं कि मां बमकाली की इतनी महिमा है कि जो भी आया, वह झोली भरकर गया है। यहां पूजा के दिन स्थानीय कमिटी सहित पुलिस, सीसीटीवी कैमरा भी लगाया जाता है, ताकि यहां सुरक्षा व्यवस्था चाक-चैबंद बनी रहे। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे ससमय मां बमकाली के दरबार में उपस्थित होकर अपनी मनोकामना पूर्ण के लिए मां का आशीर्वाद ग्रहण करें।