पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: Purnia News दो थानों को जोडनेवाले बलिया घाट पर पुल नहीं रहने से, यहां की लगभग पचास हजार की आवादी को ना सिर्फ आवागमन में परेशानी हो रही है तथा पुल की मांग दशकों से रही है, परंतु आजतक इसओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है। सभी ने वादे तो किये, परंतु वादा निभाने कभी नहीं आए । दूर्भाग्य कहें कि इससे सबसे ज्यादा प्रभावित यहां के किसान हो रहे हैं तथा इस क्षेत्र का समुचित विकास बाधित है। नये विधायक शंकर सिंह ने भी वादा किया है तथा उनसे यहां के लोगों को काफी उम्मीदें हैं, देखें वे भी अपने वादे पर खरे उतरते हैं या नहीं। मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर दक्षिण बलिया घाट, जो रूपौली छर्रापटी श्रीमाता होते हुए बलिया घाट आती है। ठीक इसी तरह टीकापटी, मेहदी, श्रीमाता होते हुए बलियाघाट जाती है, उसपार कंकला जंगलटोला सडक है, जिसके बीच बलिया घाट के पास कारी कोसी नदी गुजरती है।
बाढ के दिनों में चचरी पुल खत्म हो जाने पर लोग नाव से ही इसपार से उसपार आवागमन करते हैं। पुल नहीं रहने से लगभग पचास हजार की आवादी प्रभावित होती है। बरसात में नदी में बाढ आ जाने से यह आवागमन प्रभावित होता है तथा लोग तीन किलोमीटर की दूरी चालीस किलोमीटर चलकर पूरा करते हैं या फिर नाव से आर-पार होते हैं। सूखे दिनों में चचरी पुल से लोग सीधा बरेला बहियार होते हुए लगभग छः किलोमीटर की दूरी तय करके श्रीमाता, धूसर, तेलडीहा में एसएच 65 पर पहूंचते हैं। पर जैसे ही बरसात आती है, लोगों को नवटोलिया, बहुती, डोभा, रूपौली, बिरौली होते हुए तेलडीहा पहूंचते हैं, जो समय एवं आर्थिक रूप से भी बोझ हो जाता है। दूसरी परेशानी यह है कि यहां के लोगों की खेती की जमीन दोनों पार है, जिससे किसानों को अपना अनाज घर तक ले जाने में भारी परेशानी का सामना करना पडता है। खासकर बरसात में चचरी पुल भी ध्वस्त हो जाने से यहां का आवागमन भी खत्म हो जाता है तथा किसान अपनी फसल घर तक ले ही नहीं जा पाते हैं तथा औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हो जाते हैं।
इस संबंध में गोडियरपटी श्रीमाता के मुखिया अमीन रविदास, लक्ष्मीपुर छर्रापटी की मुखिया सुलोचना देवी, सरपंच गौतम गुप्ता, कालीचरण शर्मा, दयानाथ मंडल, रणविजय कुमार आदि ने बताया कि बलिया घाट में पुल नहीं रहने से यहां का नदी किनारेवाला क्षेत्र अभी भी अविकसित है, लोगों को ना सिर्फ आवागमन में परेशानी हो रही है, बल्कि उनकी किसानी भी मार खा रही है। श्रीमाता से बलिया घाट तक पक्की सडक निर्माण की दिशा में लगभग काम हो गया है, बस एक किलोममीटर घाट तक सडक बननी है तथा उसपार प्रधानमंत्री ग्राम सडक है। अब बस पुल की जरूरत है। बाढ के दिनों में लोग नाव से आर-पार होते हैं, जो कई बार दुर्घटना के शिकार भी हो जाते हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह अविलंब यहां पुल बनाये, ताकि यहां के लोगों को भी विकास का रास्ता सुलभ हो सके। वही इस सम्बन्ध में विधायक शंकर सिंह ने कहा की जनता भगवान की कृपा एवं आशीर्वाद से भगवान ने चाहा तो अपने विधानसभा क्षेत्र में आधा दर्जन पुल बनने के आसार हैं, इसमें बलियाघाट पुल भी है। संभावना है कि मार्च तक इस पुल का शिलान्यास हो जाना चाहिए।