PURNIA NEWS अभय कुमार सिंह : रूपौली की पूर्व विधायक सह बिहार सरकार की पूर्व मंत्री सह राजद की प्रदेश उपाध्यक्ष बीमा भारती के यहां गोपाल यादुका हत्याकांड में उनके पुत्र राजा के आरोपित होने के बाद, गिरफतारी नहीं होने को लेकर शुक्रवार को पुलिस उनके घर कुर्की-जप्ती करने पहुंची । इस कार्रवायी को देखने हजारों की भीड वहां पहुंच गई थी । यद्यपि पुलिस की भारी बंदोवस्त होने तथा किसी को भी तस्वीर लेने से मना करने के बाद भी, ग्रामीण अपने-अपने घरों, छतों से तस्वीर लेने से नहीं चूके तथा हर पल की तस्वीर एवं वीडियो वायरल करते दिखे । यह बता दें कि बीमा भारती 2000 ई में राजनीति में उतरीं तथा तबसे वह पीछे मुड़कर नहीं देखीं । वह सिर्फ यहां की 24 साल विधायक ही नहीं रहीं, बल्कि वह प्रदेश की मंत्री भी कईबार बनीं, परंतु उनकी महत्वाकांक्षा ने उन्हें स्वयं उनके इस बढते कदम को पीछे खींच लिया तथा आज जो भी स्थिति देखी जा रही है, लोगों का मानना है कि अगर वह अपने हाल पर संतुष्ट रहतीं, तो आज वह जगह पर रहतीं । ना वह एमपी बनने का ख्वाब देखतीं और ना ही आज ऐसी स्थिति होती । भिठा स्थित उनके घर में जबतक वह विधायक रहीं, प्रतिदिन लोगों का जमघट लगा रहता था तथा वह रानी की तरह दरबार लगाती थीं । कहते हैं कि सब दिन एक समान नहीं होता है, हर चीज का एकदिन अंत जरूर होता है, और ऐसा इस दृश्य को देखने के बाद लोगों को जरूर ऐहसास हुआ है। किसी ने भी नहीं सोचा था कि उनकी इस हवेली में जहां बीमा भारती रानी की तरह रहती थीं, की सारी चीजें, एकदिन पुलिस उठा ले जाएगी । यद्यपि गोपाल यादुका हत्याकांड में वह हमेशा से कहती आयी हैं कि उनके पुत्र राजा एवं पति अवधेश मंडल को जानबूझकर फंसाया गया है, राजनीतिक बदला लिया जा रहा है, वेदोनों निर्दोष हैं । वह राजद में चली आयीं, इसलिए उन्हें प्रताडित किया जा रहा है । यह बता दें कि गोपाल यादुका हत्याकांड में सात नामजदों में बीमा भारती के पुत्र एवं पति का भी नाम शामिल है ।
इसमें पति अवधेष मंडल काॅर्ट में हाजिर हो चूके हैं, परंतु उनका पुत्र राजा कुमार अभी भी फरार चल रहा है । इसी को लेकर कई थानों की पुलिस उनके घर भिठा गांव कुर्की-जप्ती के लिए पहुंची थी । गांव में उनके घर के सामने जूटी भीड बस यही कहती दिखी कि कानुन किसी का नहीं होता है, वह सबके लिए बराबर होता है । कभी विधायक के पीछे दर्जनों की संख्या में सुरक्षाकर्मी उनकी हवेली की शोभा एवं उनकी हैसियत को दर्शाते थे, आज वही पुलिस उनके इस महल को बदसूरत बनाने में लगी थी । बीमा भारती पूर्व में वह अपना एक पुत्र खो चूकी हैं, अब उनके दूसरे पुत्र पर भी कानुन का संगीन लटक रहा है । इससे काफी मर्माहत एवं बेचैन दिख रही हैं । उनका सबकुछ दांव पर लग गया है । जबतक राजा की गिरफतारी नहीं हो जाती है, तबतक और क्या-क्या समस्याए आएंगी कहना मुश्किल है । इतना तो अवश्य है कि इस कुर्की-जप्ती ने साबित कर दिया है कि गलत होने पर कानुन किसी को बकसनेवाला नहीं है । साथही यह भी साबित हो गया है कि जबतक राजनीतिक पद हाषिल है, तबतक इसका जितना लाभ उठा सके, परंतु पद जाते ही जनता तो छोडती ही है, साथही साया भी साथ छोड़ने लगता है । कुल मिलाकर बीमा भारती का सबकुछ दांव पर लगा हुआ है । जबतक उनका पुत्र एवं पति निर्दोष साबित नहीं हो जाता है, तबतक उनपर कानुन की तलवार लटकती रहेंगी तथा इसका खामियाजा उन्हें ही भुगतना होगा ।