पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: PURNIA NEWS महादेवपुर घाट पर मोहनपुर थाना क्षेत्र के नकडहरी गांव के दो किशोरों की मौत, दादा के अंतिम-संस्कार के दौरान गंगा नदी में डूबकर हो गई है। इससे पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड गई है। मौके पर पर मौजूद गोताखोरों ने उनके शव को निकाल लिया है। नवगछिया पुलिस शव केा अंत्यपरीक्षण मेें भेजकर मामले की तहकीकात में जूटी हुई है। इस संबंध में पूर्व मुखिया संजय मंडल ने बताया कि वेलोग नकडहरी गांव के मुनि शर्मा के अंतिम-संस्कार में शामिल होने महादेवपुर घाट गए थे। अंतिम-संस्कार के बाद पियुश कुमार, उम्र 15 वर्ष पिता सोनेलाल शर्मा एवं तूफानी कुमार शर्मा, उम्र 12 वर्ष, पिता अर्जुन शर्मा गंगा नदी के किनारे स्नान करने गए। अचानक पियुश का पैर फिसल गया तथा वह गहरे पानी में चला गया। पियुश के गहरे पानी में जाते ही तूफानी उसे बचाने आगे बढा, तबतक वह भी गहरे पानी में चला गया तथा दोनों तैराना नहीं जानने के कारण एक-दूसरे से लिपट गए तथा गहरे पानी में समा गए। इधर उन्हें डूबते देख लोग शोर मचाने लगे। शोर सुनकर घाट किनारे झोपडी बनाकर रहनेवाले एक गोताखोर दौडा आया तथा उन्हें बचाने के लिए गहरे पानी में उतरा, परंतु काफी खोजबीन के बाद उसे निकाला गया, परंतु तबतक दोनों की मौत हो चूकी थी। उनके शव निकलते ही ग्रामीणों सहित सभी स्वजनों में चित्कार मच गया। महादेवपुर घाट से लेकर नकडहरी गांव तक स्वजनों के चित्कार से पूरा गांव शोक में डूब गया है।
होनी हाथ पकडकर अपना काम करवाती है-
नकडहरी के मुनि शर्मा का अंतिम-संस्कार गांव में ही होना था। इसके लिए चिता भी सजाया जा चूका था। परंतु कुछ लोगों ने कहा कि गंगा किनारे ही अंतिम-संस्कार होना चाहिए। बस फिर क्या था, सभी लोग महादेवपुर घाट पर अंतिम-संस्कार के लिए पहुंच गए। किसी को क्या पता था कि इसी बहाने दोनों भाईयों पियुश एवं तूफानी को गंगा मईया अपनी गोद में समाने के लिए बुला रही हैं। अगर गांव में अंतिम-संस्कार हो गया रहता, तो शायद आज दोनों भाई जिंदा होते। ठीक इसी तरह की घटना बहुती गांव के सौरभ कुमार की मौत 23 जुलाई को महादेवपुर घाट में सोमवारी का जल भरने के दौरान हो गई थी।
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