पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: PURNIA NEWS बिहार के पूर्णिया जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। टीकापट्टी थाना क्षेत्र के तेलडीहा गांव निवासी पूर्व पंचायत समिति सदस्य ब्रह्मदेव महतो की गाड़ी, बिना उनकी जानकारी के, किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर हो गई। महतो ने बताया कि उन्होंने 11 मार्च 2015 को एक नई महिंद्रा बोलेरो (नंबर BR11V 7774) खरीदी थी और नियमानुसार पूर्णिया परिवहन विभाग में रजिस्टर कराई थी। उन्होंने नियमित रूप से किस्त और अन्य सरकारी शुल्क का भुगतान भी किया। लेकिन 31 जुलाई को जब वे प्रदूषण जांच कराने गए, तो पता चला कि उनकी गाड़ी अब किसी प्रिंस कुमार के नाम पर रजिस्टर्ड है।
- इस मामले की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं:
- परिवहन विभाग के रिकॉर्ड में भी गाड़ी प्रिंस कुमार के नाम पर दर्ज मिली।
- जब प्रिंस कुमार से संपर्क किया गया, तो उन्होंने दावा किया कि यह गाड़ी उनके पास है।
- विभाग के रजिस्टर खाली पाए गए, जिससे स्वामित्व हस्तांतरण का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला।
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमने मामले की जांच शुरू कर दी है। दोनों दावेदारों को अपने-अपने वाहनों के साथ बुलाया जाएगा। हम इस मामले की गहराई से जांच करेंगे और दोषी पाए जाने वाले किसी भी अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” इस बीच, पीड़ित ब्रह्मदेव महतो ने कहा, “मैं पिछले कई दिनों से परिवहन विभाग के चक्कर काट रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले का समाधान होगा और मुझे न्याय मिलेगा।”
यह घटना न केवल एक व्यक्ति की परेशानी का प्रतीक है, बल्कि यह सरकारी विभागों में मौजूद व्यवस्थागत खामियों को भी उजागर करती है। स्थानीय नागरिक अधिकार कार्यकर्ता रमेश कुमार ने कहा, “यह मामला परिवहन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही को दर्शाता है। हम मांग करते हैं कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।” इस घटना के बाद, स्थानीय लोगों ने अपने वाहनों के रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड की जांच करना शुरू कर दिया है। परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में ऐसे और मामले सामने आ सकते हैं।
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