पूर्णिया/रूपौली/अभय कुमार सिंह : प्रखंड में कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां उस विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने की क्षमता पांचवीं तक नहीं है और वहां प्लसटू की पढ़ाई हो रही है । कक्षा के नाम पर मात्र छः कमरे, आखिर यह कैसे सभी कक्षाओं की पढ़ाई संभव हो पा रही है । ऐसा ही सिमडा गांव स्थित प्लसटू विद्यालय है । विद्यालय उत्क्रमित होता चला गया, परंतु संसाधन प्राथमिक विद्यालय जैसा भी नहीं है ।
इस विद्यालय में लगभग 1000 बच्चे शिक्षा पाते हैं । प्रयोगशाला क्या चीज होती है, किसी भी बच्चे को पता तक नहीं हैं, जबकि यहां से प्रतिवर्ष हाईस्कूल से बच्चे पास कर रहे हैं । मंगलवार को ऐसा नजारा देखने को मिला, जब परीक्षा में बैठने के लिए बच्चों को जगह नहीं मिल रही थी । कमरे में ठसाठस बच्चों की उपस्थिति, बरामदाओं का भी वही हाल था । बेंच-डेस्क के अभाव में हाई स्कूल के बच्चे नीचे बैठे हुए थे । ऐसी दुर्दशा शिक्षा की होगी, यह किसी ने नहीं सोचा था ।
समाज को आगे ले जाने वाली संस्थान के प्रति सरकार कभी गंभीर नहीं दिख रही है । मौके पर परीक्षा दे रहे बच्चों ने कहा कि वे कैसे परीक्षा दें, कैसे पढ़ाई करें, कहां बैठें, इस तरह के कई प्रष्नों की बौछार लगा रहे थे । उपस्थित शिक्षक अपना नाम नहीं छापने की स्थिति में बताया कि उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । बच्चे कहते हैं पढ़ाईए, आखिर वे कहां पढ़ाएं और कैसे पढ़ाएं । बेंच-डेस्क नाममात्र के हैं, जब कमरे ही नहीं हैं, तब बेंच-डेस्क नहीं हैं तो क्या कहना है । वेलोग यहां दस शिक्षक हैं ।
बड़े ही उत्साह के साथ शिक्षक बने हैं कि वे बच्चों को अपनी तरह तो जरूर बना देंगे, परंतु यह सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा भी विद्यालय देखना पड़ेगा, जहां बच्चों की बात तो दूर, स्वयं के बैठने के लिए जगह के लिए सोचना पड़ता है । इधर मुखिया पवित्री देवी, सरपंच उशा देवी ने कहा कि विद्यालय में संसाधन की कमी से बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।
सरकार इसके लिए कुछ भी नहीं सोच रही है । बस वह एमपी, एमएलए बनने के फेर में लगी रहती है । यद्यपि ग्रामीणों की ओर से लगभग सवा बीघा जमीन प्लसटू विद्यालय के लिए खरीद कर ली गई है, बस 1 जून से जैसे ही रजिस्ट्री शुरू होगी, वैसे ही वे जमीन मालिक से रजिस्ट्री करवा लेंगे । कुल मिलाकर सिमडा विद्यालय बस एक बानगी है, ऐसे दर्जनों विद्यालय हैं, जहां ऐसे उदाहरण मिल ही जाएंगे । देखें सरकार इसके लिए क्या कदम उठाती है ।