पूर्णिया: Purnia Tanishq Showroom Robbery पूर्णिया के प्रतिष्ठित तनिष्क शोरूम में 26 जुलाई को हुए बड़े लूटकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है और चौंकाने वाला खुलासा किया है कि यह लूट बेउर जेल में बंद शातिर अपराधी सुबोध सिंह और उसके सहयोगियों द्वारा नियोजित की गई थी। इस मामले में थाना कांड संख्या 146/24 दर्ज किया गया था, जिसमें धारा 310 (2) बी.एन.एस.- 2023 एवं 25 (1-बी) ए/26 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। घटना के उद्भेदन के लिए जिला पुलिस और पुलिस मुख्यालय से एसटीएफ की 10 अलग-अलग संयुक्त टीमें बनाई गईं। इन टीमों ने बिहार और पश्चिम बंगाल के कई जिलों में व्यापक छापेमारी की। जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पता चला कि लूट की योजना बेउर जेल में बंद सुबोध सिंह और उसके सहयोगियों ने बनाई थी।
स्थानीय स्तर पर कुख्यात अपराधी बिट्टू सिंह, जो कुछ समय पहले बेउर जेल में सुबोध सिंह के साथ था, भी इस षड्यंत्र में शामिल था। अपराधियों को अररिया के शिवपूरी स्थित एक लॉज में रखा गया था, जहां स्थानीय और बाहरी अपराधियों की मीटिंग हुई। लूट की तैयारी के लिए अपराधियों ने अररिया और पूर्णिया के विभिन्न दुकानों जैसे मैक्स शॉपिंग मॉल, पॉलिटेक्निक चौराहा पूर्णिया, और रिलायंस ट्रेंड अररिया से कपड़े और अन्य सामान खरीदे। घटना से एक सप्ताह पहले तनिष्क शोरूम की पुनः रेकी की गई।
पुलिस ने इस मामले में चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है: जिनमे- 1- राहुल श्रीवास्तव (पूर्णिया में क्लीनिक चलाता था) 2- अभिमन्यु सिंह (पूर्णिया निवासी) 3- आनंद झा (अररिया निवासी) 4- बमबम यादव (पूर्णिया निवासी) शामिल है। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त दो देशी कट्टा, तीन कारतूस, जला हुआ मोबाइल फोन का अवशेष, चार अन्य मोबाइल फोन और दो मोटरसाइकिल बरामद किए हैं। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अपराधियों के भागने का रूट पता किया गया और मालदा पुलिस के सहयोग से घटना में प्रयुक्त दो मोटरसाइकिलें बरामद की गईं।
जांच में यह भी पता चला कि घटनास्थल पर मौजूद अपराधियों का सीधा संपर्क बेउर जेल के अपराधियों से था और उन्हीं के निर्देश पर यह लूट की गई। चुनमुन झा नामक एक स्थानीय अपराधी भी इस घटना में शामिल था, जिसने मास्क पहन रखा था। उसके भाई आनंद झा ने भी लूट में सहयोग किया और बाद में चुनमुन का मोबाइल फोन जला दिया, जिसका अवशेष पुलिस ने बरामद कर लिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी भी कई संयुक्त टीमें अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी और अधिक बरामदगी के लिए छापेमारी कर रही हैं। यह मामला दर्शाता है कि कैसे जेल के अंदर से भी अपराधी अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं, जो कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती है।
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