सहरसा, अजय कुमार: SAHARSA LATEST NEWS सोनवर्षा राज अंतर्गत ग्राम अमृता घोट में जिलाधिकारी वैभव चौधरी सुधा बायो गैस संयंत्र का शुभारंभ किया गया।राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड मृदा लिमिटेड एवं कोशी दुग्ध उत्पादक संघ,सुपौल के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर जिलाधिकारी ने संबोधित करते हुए कहा की बायोगैस संयंत्र ऊर्जा का एक अतिमहत्वपूर्ण स्रोत है,जिसके माध्यम से कम लागत में बेहतरीन परिमाण प्राप्त किए जा सकते है।उन्होंने कहा की परंपरागत ऊर्जा स्रोत प्राय: प्रदूषण उत्पन्न करने में सहायक होते है एवम खाना बनाने क्रम में इसके कारण असहज स्थिति का भी सामना करना पड़ता है। विभिन्न कारणों से उत्पन्न प्रदूषण के कारण मानव/अन्य जीव जंतुओं के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है, अत: यह आवश्यक है की प्रदूषण निवारण हेतु सभी स्तर पर ठोस प्रयास किया जाए।
गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत यथा:सौर ऊर्जा, बायो गैस आदि ने केवल नवीनीकरणीय होते है,बल्कि प्रदूषण भी उत्पन्न नही करते है। राज्य सरकार द्वारा प्रदूषण को कम करने हेतु क्रियान्वित जल जीवन हरियाली अभियान अंतर्गत चिन्हित उपायों में गैर परंपरा गत ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देना शामिल है।अत: यह आवश्यक है की बायो गैस को प्रमुख ऊर्जा उत्पादक के रूप में बढ़ावा दिया जाए।जिलाधिकारी श्री चौधरी में कहा की बायो गैस संयंत्र के स्थापना में अत्यंत कम राशि का व्यय होता है,इसके द्वारा उत्पन्न ईंधन/ऊर्जा से कम व्यय में अनेकों व्यक्तियों के लिए भोजन बनाना सुलभ है साथ ही इसका उपयोग पर्यावरणीय सुरक्षा के अनुकूल भी है। अत: प्रतेयक कृषक जो पशुपालक भी है,को बायो गैस संयंत्र के स्थापना हेतु तत्पर होना चाहिए।इस संदर्भ में ज्ञात हो की MNRE प्रायोजित राष्ट्रीय बायो गैस संयंत्र योजना अंतर्गत लाभार्थी श्री शंभू यादव द्वारा कुल पैतीश हजार तीन सौ सत्तर रुपए की राशि से बायो गैस संयंत्र की स्थापना की गई है।
लागत राशि में से पंद्रह हजार रुपए की राशि भारतीय स्टेट बैंक(सीएसआर )एवं MNRE भारत सरकार द्वारा चौदह हजार तीन सौ पचास रुपए की राशि अनुदान के रूप में दी गई है।भ्रमण क्रम में जिलाधिकारी ने बायो गैस संयंत्र का अवलोकन किया।भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री सुधांशु रमन ने अपने संबोधन में उक्त वर्णित संयंत्र के लाभों के संबंध में जानकारी दी।उन्होंने कहा की बायो गैस संयंत्र से सहज उपलब्ध पदार्थ से महीनो भर में लगभग दो गैस सिलेंडर के बराबर ऊर्जा का उत्पादन किया जा सकता है एवं साल भर में लगभग पंद्रह रुपए की बचत की जा सकती है।साथ ही उक्त के माध्यम से बनने वाला भोजन स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव भी नही डालता है एवम पर्यावरणीय सुरक्षा मानकों के अनुकूल भी होता है। अत: प्रतेयक पशुपालक कृषक को बायो गैस संयंत्र के स्थापना हेतु तत्पर होना चाहिए।आज आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर डीपीआरओ,गोपनीय प्रभारी सहित अन्य संबंधित उपस्थित थे।
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