सहरसा, अजय कुमार: SAHARSA LATEST NEWS अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति और मिथिला वासी के तरफ से अलग मिथिला राज्य निर्माण की मांग को लेकर जंतर मंतर नई दिल्ली पर धरना प्रदर्शन आयोजन किया गया।प्रदर्शन का नेतृत्व प्रोफेसर अमरेंद्र कुमार झा ने की जिसमें हजारों मैथिलों ने हिस्सा लिया।बाद में धरना की अध्यक्षता सुनहरी लाल झा और संचालन ईंजीनीयर शिशिर कुमार झा ने की।दूरभाष पर सम्बोधित करते हुये राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि सनातनी मिथिला को राज्य की मांग करते हुए 100 बरस से ऊपर हो गया।इस भौगोलिक क्षेत्र में बंगाल से बिहार, उड़ीसा और झारखंड राज्य बन गया।वही मिथिला क्षेत्र लगातार बिहार से अलग होने की मांग कर रहा है । राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी ईंजीनीयर शिशिर कुमार झा ने कहा कि मैथिलों के लिए बिहारी शब्द मिथिला के नैतिक पहचान ,नैतिक मूल्य ,सभ्यता -संस्कृति, भाषा एवं विकास में बाधक है।बिहार में मैथिलों की पहचान लुप्त होती जा रही है।
एम्स सरकारी उपेक्षा के कारण 7 वर्षो से अधर में लटका हुआ है। मिथिला राज्य अभियानी पंडित रविन्द्र मिश्र,पंडित कृष्णानंद झा,पंडित सदानंद ठाकुर, एडवोकेट प्रदीप झा,श्रीमति सबिताजी,पंडित यंत्रनाथ झा एवं विनोद राज झा ने कहा कि मिथिला सरकारी उपेक्षा के कारण गति एवं दिशाहीन हो गया है। शिक्षा और स्वास्थ्य के स्तर में तीव्र पतन हो रहा है।अपने भाषण में सभा अध्यक्ष ने कहा कि 75 वर्षों में बेरोजगारी और पलायन में बेहताशा वृद्धि हुई है।सभी मिल, उद्योग- धंधे प्राय: बंद हो गए हैं। प्रमुख मांगों में पृथक मिथिला राज्य, मैथिली भाषा का संरक्षण एवं संवर्धन, मिथिला के सर्वांगीण विकास के अलावा 35 सूत्री मांग शामिल है।जिसमें नेपाल में डैम बनाकर बाढ़ का स्थाई निदान एम्स, आईआईटी,आईआईएम, मैथिली में दूरदर्शन,आईटी पार्क की स्थापना ,हाईकोर्ट बेंच की स्थापना , पलायन और बेरोजगारी का रोकथाम, एवं आर्मी में मिथिला रेजिमेंट बनाना प्रमुख है।प्रमुख वक्ताओं में कवि विमल मिश्र,प्रवीण, दुर्गानंद झा, सुनील पवन, पत्रकार संतोष झा, मिहिर झा,साजन झा, ईंद्रमोहन झा, मिहिर कुमार झा थे।धरना के पश्चात मदन कुमार झा एवं भगवंत झा के नेतृत्व में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री को ज्ञापन दिया गया।
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