सहरसा, अजय कुमार: SAHARSA NEWS स्थानीय पटुआहा स्थित ईस्ट एन वेस्ट टीचर्स ट्रेनिंग काॅलेज में बुधवार को डीएलएड सत्र 2024-26 प्रथम वर्ष के छात्रध्यापकों का इंडक्शन मीट के साथ वर्गारंभ का शुभारंभ किया गया।कार्यक्रम की शुरूआत महाविद्यालय के प्राध्यापक पंडित मोहन ठाकुर के नेतृत्व में बीएड प्रथम वर्ष की छात्राध्यापिका दिव्या,मोनिका, संतोषी,पूजा रेशम, पूजा, के स्वागत गीत से अतिथियों का जहां स्वागत किया गया। वहीं चांदनी ने सत्यम शिवम सुंदरम के गीत पर खुबसूरत नृत्य की प्रसतुति दी। अतिथियों को पाग चादर व पुष्पगुच्छ भेंट कर सभी का स्वागत व सम्मान किया गया। इंडक्शन मीट कार्यक्रम के सम्मानित मुख्य अतिथि गायत्री शक्ती पीठ के मुख्य ट्रस्टी अरुण कुमार जयसवाल, ईस्ट एन वेस्ट ऑफ काॅलेज समुह के चेयरमैन डॉ रजनीश रंजन, भुपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय की सीनेट सदस्या सह ईस्ट एन वेस्ट की निदेशिका मनीषा रंजन प्राचार्य डॉ नागेन्द्र कुमार झा, डीएलएड विभागाध्यक्ष डॉ उमाशंकर कुमार सिंह, ने सामुहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर इंडक्शन मीट सह वर्गारंभ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
इस इंडक्शन मीट कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सहित मंचासिन अतिथियों के हाथों प्रथम वर्ष का एकेडमिक कलेण्डर जारी किया गया। महाविद्यालय के डीएलएड विभाग के नव आगंतुक छात्राध्यापकों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अरुण जयसवाल ने कहा की प्राथमिक विद्यालय के बच्चे बिल्कुल मीटी के समान होता है और उसे सही आकार देने का काम एक कुशल शिक्षक के कंधो पर होता है। इसलिए उन्होंन डीएलएड के नव नामांकित छात्राध्यापकों को अपने अंदर पहले सीखने की प्रवृति को जगाने पर विशेष जोर दिया। कहा बीना सीखे एक आदर्श शिक्षक को जन्म नहीं दिया जा सकता है। सीनेट सदस्या मनीषा रंजन ने अपने संबोधन में नव आगंतुक छात्राध्यापकों को नियमित वर्ग संचालन में अपने अभिरूचि को जगाने पर विशेष ध्यान आकृष्ट की। चेयरमैन रजनीश रंजन ने कहा कि ईस्ट एन वेस्ट को कोशी प्रमंडल का पहला अराजकीय डीएलएड संस्थान है जिसकी ख्याति बेह्तर शिक्षण प्रशिक्षण को लेकर जाना जाता है। चेयरमैन ने मंंच से छात्राध्यापकों को ईमानदारी पूर्वक महाविद्यालय के साथ अपने शिक्षण प्रशिक्षण को पुरा करने की बात कहा। उन्होंने डीएलएड के एफ वन से लेकर एफ बारह तक के सभी संबधित प्राध्यापकों को मंच पर एक एक कर बुलाकर उनका परिचय करवाते हुए विषय की प्रासंगिकता व सिलेबस से सभी को रुबरू करवाया।
उन्होंने कहा कि नव नामांकित छात्रध्यापकों को ईस्ट एन वेस्ट की परंपरा एवं संस्कृति का वाहक बन बड़ी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होगा क्यों की जीस उपलब्धी को अबतक हासिंल किया है उसे आगे ले जाने की जिम्मेदारी अब नव आगंतुक छात्राध्यापकों के उपर है। उन्होंन कहा की बच्चों की निर्माण क जिम्मदारी मुख्य रूप से प्राईमरी शिक्षक के कंधो पर ही निर्भर रहती है। महाविद्यालय के प्राचार्य ने अपने संबोधन में कहा शिक्षक देश के निर्माणकर्ता व दर्पण होते है। जिसमें बच्चे अपने भविष्य को देखते है। प्राचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि ईस्ट एन वेस्ट का उद्देश्य छात्र अध्यापकों को प्रकाश की ओर ले जाना है एवं दिव्यता को प्राप्त करना है। कहा दक्षता के लिए दीक्षा आवश्यक है। महाविद्यालय के प्राध्यापक सह जनसंपर्क पदाधिकारी अभय मनोज के संचालन में आयोजित इस कार्यक्रम को महाविद्यालय के बीएड विभागाध्यक्ष डॉ बसंत कुमार मिश्रा, डीएलएड विभागाध्यक्ष डॉ ओमप्रकाश चौरसिया, नोडल अंशु कुमार गुप्ता, डाॅ प्रियंका पांडेय ने भी संबोधित करते हुए डीएलएड के कोर्स पर विशेष रूप से प्रकाश डालते हुए छात्राध्यापकों से नियमित रूप से वर्ग संचालन में भाग लेकर अपना शिक्षण प्रशिक्षण कार्य को पुरा करने पर जोर दिया।