SAHARSA NEWS सहरसा/अजय कुमार : तरुणोदय सांस्कृतिक विकास परिषद, खगहा,मीरगंज पूणियां द्वारा आयोजित 32 वां राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य साधक सम्मान समारोह के अवसर पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कवि कृष्ण कुमार क्रांति का नाम प्रमुखता समेत रखा गया है I श्री कृष्ण की हिंदी-सेवा से सभी अभिज्ञ हैं कि कोरोना-काल में जब लोग अपने घरों की चाहरदीवारी के भीतर रहने के लिए बाध्य थे और मानसिक- ऊबाव के दबाव से आकुल-व्याकुल थे।इन्होंने लोगों को लेखन गतिविधियों से जोड़कर रखा। आन-लाईन आयोजनाएं कीं, गुमनाम रचनाकारों की रचनाओं को देश के विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशित करवाया। व्हाट्सएप समूह बनाकर कार्यशालाओं के माध्यम से छंद ज्ञान से अवगत कराया और काव्यांगन, वर्तिका एवं कृतिका साझा-काव्य -संग्रहों में देश के विभिन्न रचनाकारों की रचनाओं को संग्रहित करने का प्रयास किया।आज साहित्य साधक मंच के द्वारा तैयार किये गये रचनाकार देश-विदेश में नाम कर रहें हैं,इसमें श्री क्रांति जी का महत्त्वपूर्ण योगदानों रहा है I
आज के अयोजन के मध्य में श्री कृष्ण कुमार क्रांति जी को उनकी सेवा की महत्ता को महत्ता प्रदान करते हुए तरुण साहित्य सम्मान,पुष्पमाल,अंगवस्त्र, मोमेंटो तथा प्रशस्ति पत्र देकर कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ अशोक गुलशन,बहराईच, उत्तर प्रदेश के कर कमलों द्वारा किया गया।यह साहित्यक मंच पिछले 32 वर्षों से विविध मूर्धन्य साहित्यकारों की हिंदी-सेवा के कारण न सिर्फ राज्य अपितु देश के पटल पर चर्चित और लब्धप्रतिष्ठ रहा।ज्ञात हो कि संगठन के द्वारा विगत 32 वर्षों में देश के 186 कलमकारों को उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व के लिए सम्मानित कर चुकी हैं। आज के विशेष आयोजन के केंद्र में आमंत्रित कवियों के कविता-पाठ के साथ हिंदी की सेवा के लिए समर्पित कतिपय हस्ताक्षरों को सम्मानित करना शामिल है। जिनमें कार्यक्रम के अध्यक्ष-डॉ अशोक गुलशन, बहराईच, उत्तर प्रदेश,संचालक- डॉ प्रेमचन्द पाण्डे, भागलपुर, मुख्य अतिथि-डॉ कुशुम चौधरी, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, बाबा बैद्यनाथ झा, पूणियाॅं, सियाराम यादव मयंक, मधेपुरा, कृष्ण कुमार क्रांति,सहरसा, नकुल शर्मा, अमेठी, उत्तर प्रदेश संगठन के संस्थापक कैलाश बिहारी चौधरी, अध्यक्ष -गंगेश पाठक, देवेश चौधरी सहित दर्जनों साहित्यकार एवं पाठक देर रात तक कार्यक्रम का आनंद उठाते रहे।
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