SAHARSA NEWS सहरसा/अजय कुमार : गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को शक्तिपीठ में व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन किया गया। इस व्यक्तित्व परिष्कार सत्र को संबोधित करते हुए डाक्टर अरुण कुमार जायसवाल ने भावना के महत्व को बताते हुए कहा-भावना के कई रूप होते हैं।इसकी तीन आयाम होतेहैं।लम्बाई, चौराई, गहराई या जिसे ऊंचाई भी कहते हैं। उन्होंने कहा की जब भावना में गहराई बढ़ती है तो प्यार बढ जाता है और भावना में व्यापकता बढ जाती है l दोस्ती बढ़ती जाती है। जैसे एक लड़की दोस्त है, आपस में मिलते जुलते हैं, हँसते बोलते हैं,मस्त रहते हैं अपनी छोटी बड़ी बातें शेयर करते हैं लेकिन जब भावनाओं की गहराई में उतरनें लगते हैं तो प्यार हो जाता है। प्यार में ये होता है कि भावनाओं की इतना उतर जाता है कि दूर रहें या पास रहें, एक होकर रहता है। प्यार धीरे धीरे दो से एक कर देता है।इसलिए दोस्त कई होस सकते हैं प्यार कई नहीं होसकता।
प्यार देह से आत्मा तक की यात्रा है पर दोस्ती आत्मा तक की यात्रा नहीं है।कार्यक्रम के दूसरे सत्र में कार्यकारिणी समिति-युवा मंडल, युवती मंडल, महिला मंडल एवं भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के सहयोगी की महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसमें मुख्य रुप से -समय दान, अंशदान, ज्ञान रथ में सहयोग करने वाले सभी परिजनों के कर्तव्य पालन के लिए प्रेरित किया गया। इस अवसर पर शांतिकुंज से प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे बाल संस्कारशाला के125 बच्चों ने अपना अनुभव साझा करते हए बताया वर्तमान समय में शांतिकुंज अच्छे मानव निर्माण की महान प्रयोगशाला है, एवं धरती का स्वर्ग है।
Tiny URL for this post: