सहरसा, अजय कुमार: SAHARSA NEWS छात्र राजनीति एक शक्तिशाली बल हैं जो अक्सर चर्चा में रहता है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ छात्र अपने देश के विकास में योगदान कर सकते हैं और अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं। दरअसल राजनीति में छात्र राजनीति का महत्व बहुत अधिक है। इसके बिना राजनीति पूर्ण नहीं हो पाता हैं वैसे तो 60 वर्ष के नेता भी आज के इस दौर में खुद को युवा नोजवान कहते फिरते हैं लेकिन हमारे युवा साथी राजनीतिक पार्टियों के झण्डा उठाने तक सीमित हैं। जबकि छात्र राजनीति छात्रों के लिए एक ऐसा अवसर हैं जिसमें छात्रों को अपने देश के बारे में जानने और अपने देश के लिए काम करने का मौका देता है। छात्र राजनीति में शामिल होकर, छात्र अपने देश के विकास में योगदान कर सकते हैं और अपने क्षेत्रों की समस्या को सुलझा सकते हैं। छात्र राजनीति कोई नई बात नहीं हैं इसके कई उदाहरण रहे हैं। जैसे कि छात्र संघ, जो कि छात्रों के हितों की रक्षा करते हैं और उन्हें राजनीति में शामिल होने के लिए प्रेरित करते हैं।
बिहार की बात की जाए तो यहां छात्र आंदोलन का इतिहास बहुत पुराना है और इसमें कई महत्वपूर्ण घटनाएं शामिल हैं। 19वीं शताब्दी में छात्र राजनीति की शुरुआत हुई। जब छात्रों ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन किया। 20वीं शताब्दी में छात्र राजनीति ने एक नए रूप में उभरकर सामने आया। इस दौरान छात्रों ने अपने देश के विकास में योगदान करने के लिए आंदोलन किया। 1960 ई० में छात्र राजनीति ने एक महत्वपूर्ण मोड़ लिया, जब छात्रों ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन किया और अपने देश के विकास में योगदान करने के लिए काम किया। 1970ई० में छात्र राजनीति ने एक नए रूप में उभरकर सामने आया, जब छात्रों ने अपने देश के विकास में योगदान करने के लिए आंदोलन किया और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए काम किया। जयप्रकाश नारायण का आंदोलन बिहार में छात्र आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है।
जयप्रकाश नारायण ने सन 1970 ई० में बिहार में एक आंदोलन किया, जिसमें उन्होंने छात्रों को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए प्रेरित किया। जिसके बाद लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार ने बिहार में छात्र आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं जो बिहार में छात्र आंदोलन के इतिहास में शामिल हैं :-1974 में बिहार में छात्र आंदोलन, 1980 में बिहार में छात्र आंदोलन,1990 में बिहार में छात्र आंदोलन,इसके अलावे कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं जो छात्र राजनीति के इतिहास में शामिल हैं :- 1968 में फ्रांस में छात्र आंदोलन, 1970 में अमेरिका में छात्र आंदोलन,1989 में चीन में छात्र आंदोलन।बिहार में छात्र आंदोलन के इतिहास और इसके प्रमुख कारक और परिणाम :-1. शिक्षा की कमी: बिहार में शिक्षा की कमी एक प्रमुख कारक थी जिसने छात्र आंदोलन को जन्म दिया।2. आर्थिक असमानता: बिहार में आर्थिक असमानता एक अन्य कारक थी जिसने छात्र आंदोलन को प्रभावित किया। 3. राजनीतिक अस्थिरता: बिहार में राजनीतिक अस्थिरता एक प्रमुख कारक थी जिसने छात्र आंदोलन को प्रभावित किया।
परिणाम:
1. शिक्षा की सुधार: छात्र आंदोलन के परिणामस्वरूप, बिहार में शिक्षा की सुधार हुई।
2. आर्थिक सुधार: छात्र आंदोलन के परिणामस्वरूप, बिहार में आर्थिक सुधार हुआ।
3. राजनीतिक स्थिरता: छात्र आंदोलन के परिणामस्वरूप, बिहार में राजनीतिक स्थिरता आई।छात्र राजनीति में भागीदारी हेतु वर्तमान समय में छात्र राजनीति में विश्वविद्यालय के छात्र संघ में शामिल होने की आवश्यकता हैं। अपने नेतृत्व कौशल को विकसित करने के लिए प्रशिक्षण लें और अपने साथी छात्रों के साथ मिलकर काम करें। अपने देश के विकास में योगदान करने के लिए परियोजनाएं शुरू करें और अपने साथी छात्रों के साथ मिलकर समाज में परिवर्तन लाने में मदद करें।अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए आंदोलन करें और अपने नेतृत्व कौशल को विकसित करने के लिए प्रशिक्षण लें।अपने देश के विकास में योगदान करने के लिए परियोजनाएं शुरू करें और अपने साथी छात्रों के साथ मिलकर समाज में परिवर्तन लाने में मदद करें।