पूर्णिया: रुपौली विधानसभा के निर्दलीय विधायक रहे बाबू सरयुग मण्डल जी के निधन की खबर से मर्माहत हूँ।वामपंथी विचारधारा के पैरोकारी करने वाले सरयुग बाबू पांच बार मुखिया भी निर्वाचित हुए।वाबजूद, उन्होंने अंतिम सांसे टीन और फूस से बने घर मे ली जो इस बात का साक्षी है कि उन्होंने अपने सिद्धान्तों,विचारधारा,ईमानदारी और नैतिकता से कोई समझौता नही किया।अभी 27 जनवरी को उनके अस्वस्थ्य रहने की सूचना पर उनके पैतृक आवास पर जाकर उनसे मुलाकात भी किया था।उम्मीद नही थी कि इतनी जल्दी वे ब्रह्मलोक विलीन हो जाएंगे।ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और परिजनों को दुःख सहने का संबल। लोकसभा सत्र होने के कारण उनके अंत्येष्टि में नहीं पहुंच पाया इसका मुझे खेद है।उक्त संवेदना सांसद संतोष कुशवाहा ने पूर्व विधायक सरयुग मण्डल के निधन पर व्यक्त किया है।
सांसद श्री कुशवाहा की अनुपस्थिति में जदयू के जिला अध्यक्ष राकेश कुमार, भवानीपुर प्रखंड अध्यक्ष मुकेश कुमार दिनकर,शंकर विश्वास, महेश्वरी मेहता ,संजय कुमार बबलू, राजेश राय ,नीलू सिंह पटेल, विजय कुमार किस्टो,राजेश कुमार मंडल, अरविंद सिंह, रूपेश कुमार,पवन कुमार ,जितेंद्र कुमार,सुजीत कुमार, राजकिशोर मेहताआदि पूर्व विधायक जी के पैतृक निवास बभनचक्का जाकर अंत्येष्टि में शामिल हुए ।सांसद श्री कुशवाहा ने कहा कि वे शीघ्र ही दिल्ली से लौटकर शोक-संतप्त परिजनों से मिलेंगे।